पिठोरी अमावस्या उपाय Pithori Amavasya Upay 2025
Bhadrapad Pithori Amavasya 2025 Dateशास्त्रों में पूर्णिमा तिथि की तरह अमावस्या तिथि भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कुशग्रहणी, भादो, पिठोरी और कुशोत्पाटिनी अमावस्या कहते है इस दिन कुशा नामक घास इकठ्ठा की जाती है इसीलिए इसे कुशग्रहणी अमावस्या कहते है इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और पितृ तर्पण करना बेहद शुभ होता है.आइये जानते है साल 2025 में भाद्रपद अमावस्या की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, स्नान-दान का समय, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|
भाद्रपद अमावस्या शुभ मुहूर्त 2025 Bhadrapad Amavasya 2025 Date
- साल 2025 में भाद्रपद या पिठोरी अमावस्या 22 अगस्त को होगी|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 22, अगस्त प्रातःकाल 11:55 मिनट|
- अमावस्या तिथि समाप्त – 23, अगस्त प्रातःकाल 11:35 मिनट|
- प्रदोष काल पूजा का शुभ मूहूर्त – सायंकाल 06:53 मिनट से रात्रि 09:06 मिनट|
- स्नान दान का समय – प्रातःकाल 04:26 मिनट से प्रातःकाल 05:10 मिनट|
अमावस्या पूजा विधि Amavasya Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण या पिंडदान करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. भाद्रपद अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ बताया गया है। इस दिन पीपल में जल देकर दीपक जलाना चाहिए.
भाद्रपद अमावस्या उपाय Bhadrapad Amavasya Upay
- इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है।
- भाद्रपद अमावस्या के दिन कुशा घास की अंगूठी पहनकर पितरो का श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
- पिठौरी अमावस्या के दिन काली चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटे खिलाने से पाप-कर्मों का क्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
- भाद्रपद अमावस्या के दिन सुबह पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और शाम को वहां पर सरसों के तेल का दीया जलना शुभ होता है.