अहोई अष्टमी पूजा विधि Ahoi Ashtmi vrat 2019 Puja Vidhi
अहोई अष्टमी व्रत- कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि अहोई अष्टमी के नाम से जानी जाती है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन अहोई माता की पूजा करने का विधान है इस दिन महिलाये संतान प्राप्ति और संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और अहोई माता की पूजा करती है ऐसी मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन व्रत रखने से अहोई माता प्रासां होकर भक्तो को संतान सुख और उनके मंगलमय जीवन का आशिर्वाद देती हैं. आज हम आपको साल 2019 अहोई अष्टमी व्रत की शुभ तिथि मुहूर्त और इस दिन की जाने वाली पूजा विधि के बारे में बताएँगे.
अहोई अष्टमी व्रत शुभ मुहूर्त 2019 Ahoi Ashtmi Puja Date Timing
- साल 2019 में अहोई अष्टमी का व्रत 21 अक्टूबर सोमवार के दिन रखा जाएगा.
- अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – शाम 05:46 मिनट से शाम 07:02 मिनट तक |
- पूजा की कुल अवधि होगी – 1 घंटा 16 मिनट |
- अहोई अष्टमी चंद्रोदय का समय होगा – रात्रि 11:46 मिनट |
- अष्टमी तिथि शुरू होगी – 21 अक्टूबर सोमवार प्रातःकाल 06:44 मिनट पर |
- अष्टमी तिथि समाप्त होगी 22 अक्टूबर मंगलवार प्रातःकाल 05:25 मिनट पर |
अहोई अष्टमी व्रत पूजा विधि Ahoi Ashtmi vrat Pujan Vidhi
अहोई अष्टमी का व्रत और पूजा संतान की दीर्घायु और उनके सुखमय जीवन की कामना के लिए रखा जाता है. मान्यताओं के अनुसार अहोई अष्टमी के दिन जो भी लोग यह व्रत रखते है उन्हें पूजा की तैयारियां सूर्य अस्त होने से पहले ही कर लेनी चाहिए. पूजा के लिए सर्वप्रथम घर की दीवार पर अहोई माता का चित्रबनाये और एक कलश में पानी रख ले और इस कलश के ऊपर आप वही करवा रख सकते है जो आपने करवा चौथ पर इस्तेमाल किया था. अब हाथों में गेहूं लेकर अहोई अष्टमी व्रत कथा पढ़ें और सुने. पूजा के बाद अहोई माता की आरती करें. और रात्रि चंद्रोदय के बाद तारों को अर्घ्य दें. जिस तरह से करवाचौथ का व्रत महिलाये अपने पति की दीर्घायु की कामना से रखती है वहीं अहोई अष्टमी संतान के दीर्घायु की कामना के लिए रखा जाने वाला व्रत है जो चंद्रोदय के पश्चात् तारों को देखकर और अर्घ्य देकर सम्पन्न किया जाता है.
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अहोई अष्टमी का महत्व Ahoi Ashtmi vrat Importance
अहोई अष्टमी का व्रत महिलाओं द्वारा अपनी संतान के कल्याण के लिए रखा जाता है बहुत से लोग संतान सुख की कामना से भी इस व्रत को करते है माना जाता है की संतान प्राप्ति के लिए अहोई अष्टमी का व्रत अमोघफल देने वाला होता है. अपनी सभी संतानों के कल्याण और उनके सुखी जीवन के लिए यह व्रत रखकर की गयी अहोई माता की पूजा मनोकामना पूरी करती है.