संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Vrat Pooja Vidhi
Sankashti Chaturthi Date शास्त्रों के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का अर्थ संकट को हरने वाली चतुर्थी से होता है. इस दिन समस्त देवो में प्रथम पूज्य देव गणेश जी का पूजन कर व्रत किया जाता है पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो बार चतुर्थी तिथि आती है. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की की संकष्टी चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. आइये जानते है चैत्र कृष्ण भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|
चैत्र मास संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2023 Sankashti Chaturthi 2023
- साल 2023 में चैत्र मास कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी व्रत 11 मार्च शनिवार को रखा जाएगा|
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 10 मार्च रात्रि 09:42 मिनट पर|
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 11 मार्च रात्रि 10:05 मिनट पर|
- चंद्रोदय का समय होगा – 11 मार्च रात्रि 10:03 मिनट पर|
भालचंद्र चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Chaturthi Vrat Puja Vidhi
गणेश चतुर्थी को प्रात:काल स्नानादि के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत एवं पूजा का संकल्प लें, पूजास्थल पर चौकी स्थापित कर उस पर लाल वस्त्र बिछाकर गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करें. गणेश जी की प्रतिम्मा को गंगाजल का छिड़काव कर प्रतिकात्मक स्नान करायें. अब प्रतिमा के समक्ष धूप-दीप प्रज्वलित कर गणेशजी का आह्वान मंत्र पढ़ें. अब गणेशजी को तिलक कर दूर्वा, पान, सुपारी, सिंदूर, रोली, अक्षत, इत्र अर्पित करें. प्रसाद में मोदक एवं फल चढ़ाएं. गणेश चालीसा का पाठ कर चैत्र संकष्टी चतुर्थी की कथा सुनें. रात्रि में चंद्रोदय के बाद चांद को अर्घ्य दे एवं दीप जलाकर पूजा करें.
संकष्टी चतुर्थी उपाय Chaitra Sankashti Chaturthi Mahaupay
भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहा जाता है। सभी देवो में प्रथम पूज्य गणेश जी अपने भक्तो के सभी संकटो को दूर कर कार्य सिद्ध करते है मान्यता है की चैत्र मास की संकष्टी के दिन कुछ आसान व छोटे -छोटे उपाय किये जाय तो व्यक्ति को गणेश जी के आशीर्वाद से धन, सम्पदा, बुद्धि और ज्ञान का वरदान प्राप्त होता है. आइये जानते है ये उपाय क्या है.
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- धार्मिक मान्यता अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को पूजा में दूर्वा जरूर अर्पित करे इससे वे जल्दी प्रसन्न होते है.
- भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को 11 मोदक व लड्डुओं का भोग लगाने से मनोकामना पूरी होती है.
- चतुर्थी के दिन एक चौकी पर पीला या लाल वस्त्र बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करे और प्रतिमा को 21 दूर्वा ॐ गंग गणपतये नमः मन्त्र का जाप करते हुए अर्पित करें इससे धनसंबंधी सभी परेशानिया दूर होने लगती है.
- आज के दिन भगवान गणेश की छोटी सी प्रतिमा घर के ब्रह्म स्थान में स्थापित करने से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति मिलती है.
- चतुर्थी की रात धन रखने के स्थान पर मलमल के कपड़े में लौंग, सिंदूर और सुपारी बांधकर रखने से कभी भी पैसे की कमी नहीं आती।