चैत्र पूर्णिमा 2021 पूजा विधि Chaitra Maas Purnima Puja Vidhi 2021
चैत्र पूर्णिमा 2021 कब है- हिंदू कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा तिथि पड़ती है। चैत्र पूर्णिमा को चैती पूनम या चैत्र पूर्णमासी के नाम से भी जाना जाता है। हर माह की पूर्णिमा तिथि से ही नए माह का प्रारम्भ होता है। इस तिथि के स्वामी चंद्रदेव है यह तिथि बहुत खास होती है इस दिन स्नान दान और सूर्यदेव को अर्घ्य देना बेहद लाभकारी होता है. आज हम आपको साल 2021 चैत्र पूर्णिमा व्रत की सही तिथि, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले एक विशेष उपायों के बारे में बताएँगे.
चैत्र पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2021 Chaitra Purnima 2021 Shubh Muhurat
- साल 2021 में चैत्र पूर्णिमा का व्रत 26 अप्रैल सोमवार के दिन रखा जायेगा|
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी – 26 अप्रैल सायंकाल 12:44 मिनट पर|
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 27 अप्रैल प्रातःकाल 09:01 मिनट पर|
- स्नान दान की पूर्णिमा 27 अप्रैल के दिन है|
चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि Chaitra Purnima puja vidhi
पूर्णिमा तिथि पर भगवान नारायण की पूजा और व्रत उपवास कर रात्रि के समय चंद्रमा की पूजा करके अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारणा किया जाता है। पूर्णिमा तिथि पर सुबह उठकर किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर सूर्य देवता को जल का अर्घ्य दें। यदि नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो आप घर पर ही गंगाजल मिले जल से स्नान कर व्रत का संकल्प लें और भगवान सत्य नारायण की पूजा करे. पूरे दिन व्रत करने के बाद रात्रि में चंद्रदेव का दर्शन और पूजा कर चन्द्रमा को अर्घ्य देकर किसी जरूरतमंद को दान आदि कर व्रत संपन्न करे.
चैत्र पूर्णिमा उपाय Chaitra Purnima Upay
- चैत्र पूर्णिमा की रात चंद्रमा के उदय होने के बाद चंद्र दर्शन कर चन्द्रमा को शुद्ध घी का दीपक व धूप अर्पित करें और फिर दूध मिले जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें।
- पूर्णिमा की रात चन्द्रमा को खीर जरूर अर्पित करे इस उपाय से जीवन में आ रही आर्थिक परेशानिया दूर होने लगती है
- चैत्र पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी जी का पूजन कर उन्हें हल्दी की गांठ अर्पित करे पूजा के बाद इस हल्दी को अपने धन रखने के स्थान पर रख दे.
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- शास्त्रों में कहा गया है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है. ऐसे में अगर आप पूर्णिमा की सुबह उठकर पीपल के पेड़ में मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करते है तो आपको माँ लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.