प्रदोष व्रत पूजा विधि 2025 Pradosh Vrat Puja Vidhi
पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. शिव पुराण के अनुसार त्रयोदशी तिथि में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानि शाम के समय की जाती है मान्यता है की प्रदोष व्रत करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है आइये जानते है मार्गशीर्ष कृष्ण प्रदोष व्रत की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|
मार्गशीर्ष प्रदोष शुभ मुहूर्त 2025 Pradosh Vrat September Month Date
- साल 2025 मार्गशीर्ष माह का कृष्ण प्रदोष व्रत 17 नवम्बर सोमवार को रखा जाएगा|
- यह सोम प्रदोष होगा|
- प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त – सायंकाल 05:27 मिनट से लेकर 08:07 मिनट|
- त्रयोदशी तिथि आरम्भ – 17 नवम्बर प्रातःकाल 04:47 मिनट|
- त्रयोदशी तिथि समाप्त – 18 नवम्बर प्रातःकाल 07:12 मिनट|
मार्गशीर्ष प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार प्रदोष के दिन प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प कर उपवास करे. प्रदोष काल में पुनः स्वच्छ होकर शुभ मुहूर्त में भगवन शिव की विधिवत पूजा करें. गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें. शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, चढ़ाए, व्रत कथा पढ़े और आरती करें. इस दिन महादेव के साथ माता पार्वती का भी पूजन करना चाहिए.
मार्गशीर्ष प्रदोष महाउपाय Pradosh Vrat Mahaupay
- प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करें।
- प्रदोष काल में शिवलिंग का दूध, दही, शहद से अभिषेक कर बेलपत्र अर्पित करना शुभ होता है.
- मार्गशीर्ष प्रदोष में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें.
- सोम प्रदोष की शाम शिवलिंग पर 11 शमी पत्र चढ़ाना लाभकारी होता है.




