माँ शैलपुत्री की पूजा विधि और लाभ How to worship first day of navratri
नवरात्री के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है यह माँ दुंर्गा का ही एक रूप है. नवदुर्गाओं में प्रथम माँ शैलपुत्री है. इनका ना शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण पड़ा।
माँ दुर्गा के स्वरूप शैलपुत्री की पूजा विधि
माँ दुर्गा के पहले रूप माँ शैलपुत्री की पूजा करने के लिए सबसे पहले लकडी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछायें. इसके बाद मां शैलपुत्री की तस्वीर स्थापित करें इसके ऊपर केशर से शं लिखें और उसके ऊपर मनोकामना पूर्ति गुटिका रखें। इसके बाद हाथ में लाल पुष्प लेकर शैलपुत्री देवी का ध्यान करें। और मन्त्र जाप करें.
ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ओम् शैलपुत्री देव्यै नम:।
मन्त्र जाप के साथ-साथ हाथ में फूल लेकर इन पुष्पो को माँ की तस्वीर के ऊपर छोड़ दें. इसके बाद भोग प्रसाद अर्पित करें तथा मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप करें।
मंत्र – ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:।
यह जप कम से कम 108 होना चाहिए। इन मन्त्रो का जाप पूरा होने के बाद माँ से सुखी जीवन की प्रार्थना करें तथा माँ की आरती करें.