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ज्येष्ठ पूर्णिमा कब है 2025 Purnima Vrat June 2025

पूर्णिमा व्रत पूजा विधि Jyesth Purnima Puja Vidhi

हिंदू धर्म में जहाँ प्रत्येक पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है वही ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तो कहीं अधिक पुण्यदायी मानी जाती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान- दान बेहद फलदायक होता है। शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं और पेड़ के चारों ओर कच्चा धागा लपेटकर व्रत रखती हैं, इसी परंपरा के कारण इस पूर्णिमा को वट पूर्णिमा या वट सावित्री पूर्णिमा भी कहा जाता है। आइये जानते है साल 2025 में ज्येष्ठ वट पूर्णिमा व्रत कब है, सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किन चीजों का दान करना चाहिए|

ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2025 Jyesth Purnima 2025 Shubh Muhurat

  1. साल 2025 में वट पूर्णिमा व्रत 10 जून मंगलवार को रखा जाएगा|
  2. पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – 10, जून प्रातःकाल 11:35 मिनट|
  3. पूर्णिमा तिथि समाप्त – 11, जून दोपहर 01:13 मिनट|
  4. स्नान – दान मुहूर्त – प्रातःकाल 04:02 मिनट से प्रातःकाल 04:42 मिनट|
  5. अभिजित मुहूर्त – प्रातःकाल 11:53 मिनट से दोपहर 12:49 मिनट
  6. गोधूलि मुहूर्त – सायंकाल 07:17 मिनट से सायंकाल 07:38 मिनट
  7. चंद्रोदय का समय – सायंकाल 07:42 मिनट|

ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधि Jyesth Purnima Puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन प्रात: दैनिक कार्यो से निवृत होकर स्नान कर व्रत का संकल्प ले. इसके बाद पूजा स्थल में भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें और ओम नमो: नारायण मंत्र का जप करें। धूप-दीप कर भगवन विष्णु और माँ लक्ष्मी को फूल, फल, वस्त्र और नैवेद्य अर्पित करे साथ ही मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार का सामान चढ़ाएं. इसके बाद व्रत कथा पढ़कर आरती करे. शुभ मुहूर्त में वट वृक्ष की पूजा कर कच्चा सूत लपेटे. रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न करे.

ज्येष्ठ पूर्णिमा क्या दान करे Jyesth Purnima Daan

  1. शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन जरूरतमंदो को वस्त्र, अन्न, सफ़ेद मिठाई व दूध दही का दान करना चाहिए.
  2. ऐसी मान्यता है की ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट पूर्णिमा व्रत किया जाता है ऐसे में आज के दिन पूजा के बाद सुहागिन महिलाओं को सुहाग सामग्री का दान करना चाहिए.
  3. ज्येष्ठ मास में अत्यधिक गर्मी पड़ती है ऐसे में पूर्णिमा के दिन जल, शरबत या मौसमी फल का दान करना बेहद शुभ मना जाता है.
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