सोमवार व्रत की विधि व इसके लाभ How to do Somvar Vrat
सोमवार व्रत कब करना चाहिए When should do Monday Fast
सोमवार के व्रत की शुरुआत श्रावण, चैत्र, वैशाख, कार्तिक या मार्गशीर्ष के महीनो के शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से ही करना चाहिए. यह व्रत पांच वर्ष या सोलह सोमवार तक किया जा सकता है. चैत्र, शुक्लाष्टमी तिथि, आर्द्र नक्षत्र, सोमवार को अथवा श्रावण मास के प्रथम सोमवार को भी सोमवार का व्रत प्रारम्भ किया जा सकता है.
सोमवार व्रत विधि Somvar Vrat Vidhi
सोमवार का व्रत प्रारम्भ करने के लिए बहुत सारे विधि-विधान हैं. जिनकी मदद से सोमवार का व्रत सम्पूर्ण किया जा सकता है.
नारद पुराण के अनुसार सोमवार के व्रत के दिन व्यक्ति को सुबह नह-धोकर भगवान शिव को जल चढ़ाना चाहिए तथा भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद सोमवार के व्रत की कथा कहानी चाहिए या सुननी चाहिए. और दिन में एक ही समय भोजन करना चाहिए.
साधारणतया सोमवार का व्रत दिन के तीसरे पहर तक होता है. इस व्रत को शाम तक रखा जा सकता है. यह व्रत तीन प्रकार का होता है. प्रति सोमवार व्रत, सौम्य प्रदोष व्रत और सोलह सोमवार का व्रत. इन सभी व्रत का नियम एक ही है.
सोमवार व्रत के लाभ Benefits of Somvar Vrat
अग्नि पुराण के अनुसार सोमवार का व्रत करने से मनुष्य को अनेक सुखों की प्राप्ति होती है. इसके अलावा सोलह सोमवार का व्रत करने से मन की साडी इच्छाये पूरी होती हैं और अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है.