इन पांच लोगों का मजाक कभी नहीं बनाना चाहिए Ways to Live a Happy Life
वैसे तो हँसी मजाक जीवन में बेहद जरुरी है, जिससे जीवन को आनंदमय तरीके से जिया जा सकता है. यदि जीवन में हँसी मजाक ना हो तो जीवन फीका-फीका लगने लगता है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दूसरों का मजाक उड़ा कर हंसते हैं।
यह उचित नहीं माना जाता. कहा जाता है की जिस हँसी मजाक से दूसरी का दिल दुखे या व्यक्ति को दुःख पहुचे तो ऐसी हँसी माजक किसी के साथ भी ना करे. मनु स्मृति के अनुसार आइये जानते हैं किन लोगों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए.
कम अंग वाले (The lowest limb)
कम अंग यानी जिस व्यक्ति के शरीर का कोई हिस्सा अधूरा हो जैसे लंगड़ा, काना आदि हो टी ऐसे व्यक्ति का कभी भी मजाक ना बनाये. क्योंकि कम अंग होने के कारण वे पहले से ही सहानुभूति के पात्र होते हैं। नैतिकता के नाते हमें ऐसे लोगों की मदद करना चाहिए न कि उनका मजाक उड़ाना चाहिए।
अधिक अंग वाले (The more limbs)
जिस तरह से कुछ लोगों के शरीर में कुछ अंग कम होते हैं ठीक उसी अधिक अंग वाले जैसे किसी के हाथ या पैर में 6 उंगलियां होती हैं ऐसे व्यक्ति का कभी मजाक नहीं बनाना चाहिए. ऐसे लोगों का मजाक उड़ाने में विवाद की स्थिति भी बन सकती है। मनु स्मृति के अनुसार ऐसे लोगों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
अशिक्षित (Unlearned)
आजकल शीश सभी लोगों के लिए एक जरूरत बन गयकी है. लेकिन कई लोगों ऐसे भी हैं जो किसीमज़बूरी के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते. यह शिष्टाचार के विरुद्ध माना जाता है, यदि कोई व्यक्ति अनपढ़ यानी अशिक्षित है और वह किसी मुश्किल में है तो हमें उसकी मदद करना चाहिए न कि मजाक उड़ाना चाहिए।
आयु में बड़े (Older)
जो लोग हमसे आयु में बड़े होते हैं उन लोगों का मजाक कभी नही बनाना चहिये. बल्कि अपने से बड़ो का आशीर्वाद लेना चाहिए. उम्र अधिक होने के कारण कई बार बुजुर्ग ऐसे काम कर बैठते हैं, जिसके कारण उनका मजाक उड़ाया जाता है, जो कि उचित नहीं माना जाता है।
गरीब (poor)
हमारे समाज में आज भी कई क्षेत्रो में गरीबी से अपना डेरा डाल रखा है. कोई भी इंसान अपनी मर्जी से गरीब नहीं होता। गरीब इंसान मेहनत-मजदूरी करता है और अपने परिवार को पालता है। वह किसी से मदद की उम्मीद भी नहीं करता और अपने आत्मसम्मान को बचाते हुए जीवन जीता है। इसलिए मनु स्मृति के अनुसार, कभी भी किसी गरीब इंसान का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।