पापमोचिनी एकादशी शुभ मुहूर्त 2022 | Papmochani Ekadashi Date Time 2022

पापमोचिनी एकादशी पूजा विधि Papmochani Ekadashi Puja Vidhi 2022

Papmochani Ekadashi Date Time 2022Papmochani Ekadashi Date Time 2022 चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहलाती कहते है। शास्त्रों में एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है की यह एकादशी व्रत पापों का नाश करने वाली है। कहते है की जो भी लोग इस व्रत को पूरे विधि विधान के साथ करता है उसके सभी दुख दूर होकर समस्त मनोकामनाए पूरी होती है. इस एकादशी व्रत में भगवान विष्णु जी की पूजा आराधना की जाती है. आज हम आपको साल 2022 पापमोचनी एकादशी व्रत की सही तिथि, पूजा व पारण का शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, महत्व, और इस व्रत के नियमो के बारे में बताएँगे.

पापमोचिनी एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2022 Papmochani Ekadashi Date Time 2022

  1. साल 2022 में पापमोचिनी एकादशी का व्रत 28 मार्च सोमवार को रखा जायेगा.
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 27 मार्च शाम 06:04 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त – 28 मार्च शाम 04:15 मिनट पर|
  4. व्रत के पारण का शुभ समय होगा – 29 मार्च दोपहर 06:15 मिनट से 08:43 मिनट तक|

पापमोचिनी एकादशी पूजा विधि Papmochani Ekadashi Vrat puja Vidhi

शास्त्रों के अनुसार पापमोचिनी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु जी के चतुर्भुज रूप की पूजा करने की जाती है व्रत करने वाले व्रती को दशमी के दिन सात्विक भोजन ग्रहण कर अगले दिन एकादशी तिथि को प्रातःकाल स्नान कर व्रत का संकल्प लेकर पूजास्थल पर विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित कर षोडषोपचार सहित श्री विष्णु जी का पूजन करे. पूजा में भगवान विष्णु जी को धुप दीप, पीले फल-फूल अर्पित कर तुलसी पत्र और पंचामृत का भोग लगाए. इसके बाद विष्णु मंत्रो का जाप कर व्रत कथा का पाठ करे या सुने. इस दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाकर तुलसी मंत्रो का जाप करे. अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण कर ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन करवाकर दान दक्षिणा देकर व्रत संपन्न करे.

पापमोचिनी एकादशी व्रत का महत्व papmochini Ekadashi Mahtva

Papmochani Ekadashi Date Time 2022 पापमोचनी एकादशी का अर्थ है पाप को नष्ट करने वाली एकादशी। जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है की ये एकादशी समस्त पापो का नाश करती है इस एकादशी का व्रत चैत्र कृष्णा पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति द्वारा जाने अनजाने किये गए पापो से मुक्ति पाने के लिए पापमोचिनी एकादशी का बहुत महत्वपूर्ण होती है आज के दिन यदि भगवान विष्णु जी के चतुर्भज रूप की पूजा की जाय तो व्यक्ति को सभी पापो से मुक्ति मिलने के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.

एकादशी व्रत का पारण कब करें Papmochani Ekadashi Paran Kab Kare

शास्त्रों की माने तो एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले ही करना शुभ होता है यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाती है तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद ही पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। जो लोग यह व्रत रखते है उन्हें व्रत का पारण हरि वासर की अवधि समाप्त होने के बाद पारण करना चाहिए.

पापमोचिनी एकादशी पर क्या ना करे Papmochani Ekadashi Niyam

  1. एकादशी व्रत के नियमो के अनुसार यह व्रत पूर्ण रूप से फलाहार होता है इसीलिए इस दिन अन्न का सेवन ना करे.
  2. इस व्रत के नियम दशमी, एकादशी और द्वादशी तीन दिनों के होते है तीनो दिन सात्विक भोजन की करना चाहिए.
  3. एकादशी के व्रत में चावलों का सेवन नहीं करना चाहिए.
  4. इस दिन तामसिक चीजों का सेवन जैसे प्याज लहसुन से दूर रहना चाहिए.
  5. इस दिन बाल व नाखून व दाढ़ी मूछ नहीं बनवाने चाहिए.
  6. एकादशी के दिन क्रोध नहीं करना चाहिए।
error: