शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना पूजा विधि Navratri Durga Puja 2021
Shardiya Navratri 2021 Dates Time आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि शारदीय नवरात्रों के नाम से जानी जाती है शास्त्रों में इन नवरात्रो का विशेष महत्व है प्राचीन मान्यता के अनुसार नवरात्रि में 9 दिनों तक माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना करने से जीवन में ऋद्धि-सिद्धि ,सुख- शांति, मान-सम्मान, और यश की प्राप्ति होती है। कैलेंडर के अनुसार यह नवरात्र सितम्बर / अक्टूबर माह में आते हैं. नवरात्रो की अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन कर माँ का अशीर्वाद प्राप्त किया जाता है शारदीय नवरात्रों का समापन दशमी तिथि को विजय दशमी के रूप में किया जाता है आज हम आपको इस वीडियो में शारदीय नवरात्रि 2021 के शुभ तिथि, कलश स्थापना मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बताएँगे.
शारदीय नवरात्री शुभ मुहूर्त 2021 Shardiya Navratri 2021 Muhurat
- साल 2021 में शारदीय नवरात्रि का पर्व 7 अक्टूबर गुरुवार से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक चलेगा.
- प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – 6 अक्टूबर सायंकाल 04:34 मिनट पर
- प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी – 7 अक्टूबर सायंकाल 01:46 मिनट पर
- कलश स्थापना शुभ मुहूर्त होगा- 7 अक्टूबर प्रातःकाल 06:17 मिनट से प्रातःकाल 07:07 मिनट तक
- कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त होगा – 7 अक्टूबर सुबह 11:45 मिनट से दोपहर 12:32 मिनट तक
घटस्थापना सामग्री Shardiya Navratri 2021 Dates Time Puja Samagri
घटस्थापना के लिए सप्त धान्य यानि 7 तरह के अनाज, मिट्टी का पात्र, जो बोने के लिए मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, सुपारी, जटा वाला नारियल, अक्षत, पुष्प, चौकी, चुनरी व माता के लिए श्रृंगार का सामान आदि चीजे आप अपनी क्षमता अनुसार रख ले.
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कलश स्थापना विधि Shardiya Navratri 2021 Dates Time Kalash Sthapana
नवरात्रि में देवी शक्ति माँ दुर्गा के भक्त उनके नौ रूपों की बड़े विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं।पहले दिन कलश स्थापना का विधान है इसी दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है. कलश स्थापना के लिए सर्वप्रथम मिट्टी के बर्तन में सप्त धान्य बौ ले अब उसमे जल से भरा कलश रखकर रोली से उसपर स्वस्तिक बना ले कलश के ऊपरी भाग में कलावा बाँधकर उसे मिट्टी के पात्र में रख दे.अब कलश के ऊपर अशोक या आम के पत्ते रखें कलश में सिक्का व दूब डाल दे इसके बाद एक नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर स्थापित कर दें. इस तरह घटस्थापना पूर्ण होने के बाद समस्त देवी देवताओ और देवी माँ का आह्वान कर विधिवत माता शैलपुत्री की पूजा करे.