प्रदोष व्रत पूजा विधि 2023 Pradosh Vrat Poja Vidhi
Pradosh Vrat Kab Hai हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत शिव जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत खास होता है, ऐसे में अगर कार्तिक माह में शुक्र प्रदोष व्रत का संयोग हो तो मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद व्रती को मिलता है. शुक्रवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. इस साल कार्तिक शुक्ल प्रदोष 24 नवंबर शुक्रवार को पड़ेगा.आइये जानते है साल 2023 में कार्तिक शुक्ल प्रदोष के दिन प्रदोष काल में पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, नियम और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय क्या है|
कार्तिक प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Pradosh Vrat November Month Date
- साल 2023 में कार्तिक शुक्ल प्रदोष व्रत 24 नवम्बर शुक्रवार के दिन रखा जाएगा|
- प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त – सायंकाल 07:06 मिनट से 08:06 मिनट तक|
- पूजा की कुल अवधि – 01 घण्टा|
- त्रयोदशी प्रारम्भ होगी – 24 नवम्बर सायंकाल 07:06 मिनट|
- त्रयोदशी समाप्त होगी – 25 नवम्बर सायंकाल 05:22 मिनट|
प्रदोष व्रत पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करने की मान्यता है. त्रयोदशी के दिन सूर्यास्त से पहले पुनः स्वच्छ होकर पूजा के शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की विधिवत पूजा करे. सबसे पहले पूजास्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके आसन ग्रहण करें। भगवान शिव का पंचामृत और फिर गंगाजल मिले जल से अभिषेक करें। उसके बाद महादेव को चन्दन का तिलक कर उनके प्रिय बेलपत्र, धतूरा, फल, फूल, अक्षत्, धूप-दीप चढ़ाएं और ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। यह शुक्र प्रदोष है इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा से मनोकामना पूरी होती है.
प्रदोष व्रत के नियम Pradosh Vrat ke Niyam
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करने सुबह और शाम शिव पूजन करना चाहिए.
- इस दिन ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए.
- त्रयोदशी तिथि के दिन प्याज, लहसुन, या अन्य तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.
- प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव पूजन किया जाता है शिव पूजन से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे.
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शुक्र प्रदोष व्रत उपाय Pradosh Upay
- शुक्र प्रदोष के दिन सूर्यास्त के बाद दही, घी, दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें. चावल से बनी खीर का भोग भगवान भोलेनाथ और माता लक्ष्मी को लगाएं. इससे धन की कभी कमी नहीं होती है.
- शुक्र प्रदोष में शाम को देवी पार्वती को लाल पुष्प और शिव जी को सफेद पुष्प अर्पित करें और “ॐ ह्रीं गौर्ये नमः” का 5 माला जाप करें. मान्यता है इस उपाय से शादी में आ रही अड़चने दूर होती हैं और सुयोग्य वर प्राप्त होता है.
- शुक्र प्रदोष व्रत में शिव जी के साथ मां लक्ष्मी की पूजा उत्तम फलदायी मानी जाती है. पूजा में महालक्ष्मी को कमलगट्टा और एक कौड़ी पूजा में चढ़ाएं. इसके बाद अगले दिन इसे अपने धन स्थान पर रखने से धनलाभ होता है.