शारदीय नवरात्रि महाअष्टमी पूजा विधि Shardiya Navratri Puja Vidhi
Navratri Durga Ashtami 2022 नवरात्रो की अष्टमी तिथि बहुत ही खास होती है इस दिन देवी दुर्गा के आठवें स्वरुप माता महागौरी का पूजन, हवन और कन्या पूजन किया जाता है आठवीं नवरात्री को दुर्गा अष्टमी या महाअष्टमी भी कहते है। महागौरी मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मानी गयी है। इस दिन बहुत से लोग कन्या पूजन के साथ हवन कर व्रत का पारण करते हैं। आज हम आपको साल 2022 शारदीय नवरात्रि की अष्टमी व्रत तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, कन्या पूजन मुहूर्त, विधि माँ के पसन्दीदा रंग, मंत्र, भोग और इस दिन किये जाने वाले उपाय के बारे में बताएँगे.
दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त 2022 Navratri Ashtami Shubh muhurat
- इस बार दुर्गा अष्टमी 3 अक्टूबर को मनाई जाएगी|
- अष्टमी तिथि प्रारम्भ – 2 अक्टूबर शाम 06.47 मिनट पर|
- अष्टमी तिथि समाप्त – 03 अक्टूबर शाम 04.37 मिनट|
- कन्या पूजन अमृत मुहूर्त- सुबह 6:15 मिनट से 7:44 मिनट तक|
- शुभ मुहूर्त – सुबह 9:12 मिनट से 10:41 मिनट तक|
- चर मुहूर्त – दोपहर 1:39 मिनट से 03: 07 मिनट तक|
- लाभ मुहूर्त – दोपहर 03:07 मिनट से 04:36 मिनट तक|
- अमृत मुहूर्त – शाम 04: 36 मिनट से शाम 06:05 मिनट तक|
माता महागौरी स्वरुप Devi Mahagauri Swaroop
नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप देवी महागौरी की पूजा, कन्या पूजन और हवन आदि किये जाते है. देवी महागौरी को सौम्य देवी के रूप में पूजा जाता है। इनका वाहन वृषभ है। साथ ही देवी मां की चार भुजाएं है। मां के एक हाथ में त्रिशूल, एक में डमरू, तीसरा अक्षय मुद्रा और चौथा हाथ वर मुद्रा में हैं। माँ के इस रूप के पूजन से जातक को मनोवांछित फलो की प्राप्ति होती है.
नवरात्रि अष्टमी पूजा विधि Shardiya Navratri Ashtami Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार आदि शक्ति माँ दुर्गा के आठवें रूप की पूजा से भक्तों की मनोकामना पूरी करती है. अष्टमी के दिन स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा का संकल्प करे और पूजा स्थल को स्वच्छ करे सबसे पहले गणेश जी, देवी महागौरी और समस्त देवी देवताओ का आह्वाहन करे. पूजास्थल पर धूप दीप जलाकर मां को रोली, अक्षत, फल, माँ के प्रिय सफ़ेद रंग के पुष्प, श्रृंगार का सामान और हलवा पूरी खीर व नारियल का नैवेद्य अर्पित करें। पूजा में माँ के मंत्र ॐ देवी महागौर्यै नमः॥ का जाप करें। अब व्रत कथा पढ़े और आरती कर ले. शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन कर माँ का आशीर्वाद प्राप्त करे.
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कन्या पूजन विधि Kanya Pujan Vidhi
शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में अष्टमी नवमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है इस दिन कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं और 1 बालक को आमंत्रित उनका पूजन करे सबसे पहले कन्याओ को आसान पर बिठाकर उनके पैर धुलवाएं. इसके बाद कन्याओं का टीका कर सभी की आरती करे. अब सभी को चने, हलवा, पूरी का भोग लगाए और सामर्थ्य अनुसार कन्याओं को दक्षिणा या उपहार दें अंत में उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें. मान्यता है की नवरात्रि में कन्या पूजन के बाद ही नवरात्रि का व्रत पूरा माना जाता है.