मकर संक्रांति तिथि शुभ मुहूर्त 2025 Makar Sankranti Kab Hai 2025
Makar Sankranti Date Time 2025 हिंदी कैलेंडर के अनुसार पौष माह में जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते है तब मकर संक्रांति मनाई जाती है. सूर्य का ये राशि परिवर्तन ही संक्रांति कहलाता हैं। ज्योतिष अनुसार इस समय सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन हो जाते है। बहुत सी जगहों पर मकर संक्रांति को उत्तरायण और खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है आज हम आपको साल 2025 में मकर संक्रांति या उत्तरायण का त्यौहार कब मनाया जायेगा, पुण्यकाल का समय, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.
मकर संक्रांति 2025 तिथि व शुभ मुहूर्त Makar Sankranti Dates Pooja Timing 2025
- साल 2025 में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी मंगलवार के दिन मनाया जाएगा|
- मकर संक्रान्ति का क्षण रहेगा – 14 जनवरी रात्रि 09:03 मिनट पर|
- संक्रांति पुण्यकाल मुहूर्त होगा – 14 जनवरी प्रातःकाल 09:30 मिनट से शाम 05:46 मिनट तक|
- संक्रांति महापुण्य काल मुहूर्त होगा – 14 जनवरी प्रातःकाल 09:03 मिनट से प्रातःकाल 10:48 मिनट तक|
मकर संक्रांति पूजा विधि Makar Sankranti Pooja Vidhi
मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा व उपासना का विशेष महत्व है। इस दिन पुण्यकाल में गंगा स्नान के बाद तांबे के बर्तन में जल, सिंदूर, लाल फूल और काला तिल मिलाकर उगते हुए सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद पानी में ही खड़े होकर भगवान सूर्य का ध्यान करते हुए और ऊं सूर्याय नम: का मंत्र बोलते हुए जल अर्पित करें। मान्यता है की आज के दिन सूर्य देव की उपासना तथा व्रत करने से सभी रोग दूर होते हैं. पूजा के बाद तिल, उड़द दाल, चावल, गुड़, वस्त्र व धन अदि का किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान को तिल और खिचड़ी का भोग लगाया जाता है.
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मकर संक्रांति का महत्व Makar Sankranti Importance
शास्त्रों में मकर संक्रांति को देवताओं का दिन बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन किया गया दान सौ गुना होकर वापस आपके पास आता है. नए कार्यो की शुरुवात के लिए भी मकर संक्रांति का बेहद महत्व है क्योंकि इस दिन मलमास समाप्त होता हैं. इसके बाद से सारे मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, जनेऊ संस्कार आदि शुरू हो जाते हैं. मान्यता है की इस दिन स्वर्ग के द्वार खुलते है. इसीलिए इस दिन पूजा, पाठ, दान, तीर्थ नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. वही मकर संक्रांति पर ठंड से बचने के लिए तिल, गुड़ और खिचड़ी खाने का भी विशेष महत्व है.