Maha Shivaratri Vrat 2019 Date Time Muhurt | महाशिवरात्रि मुहूर्त पूजा विधि

महाशिवरात्रि व्रत कब है Maha Shivaratri 2019 KabHai

Maha Shivaratri Maha Shivaratri Vrat महाशिवरात्रि सभी महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यह पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन महादेव शिव का पूजन और जलाभिषेक किया जाता है. वैसे तो हर महीने यह त्यौहार कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। लेकिन फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी सबसे महत्वपूर्ण मानी गयी है. कहा जाता है की इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज हम आपको साल 2019 महाशिवरात्रि के व्रत की तिथि शुभ मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.

महाशिवरात्रि व्रत तिथि व शुभ मुहूर्त Maha Shivaratri wWorship Timing

भगवान भोलेनाथ के सभी भक्त महाशिवरात्रि का इंतजार बड़ी बेसब्री से करते हैं। साल 2019 में महाशिवरात्रि का महापर्व 4 मार्च सोमवार के दिन मनाया जाएगा.

  • शिवरात्रि निशीथ काल पूजा मुहूर्त= 24:07 से 24:57 मिनट तक का होगा|
  • शिवरात्रि व्रत पारण समय = 5 मार्च मंगलवार 06:46 से 15:26 मिनट तक का होगा|
  • चतुर्दशी तिथि आरंभ होगी= 4 मार्च सोमवार 16:28 मिनट पर।
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी = 5 मार्च मंगलवार 19:07 मिनट पर।

महाशिवरात्री व्रत पूजन सामग्री Maha Shivaratri 2019 pujan samgri

महाशिवरात्रि के दिन प्रातःकाल से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटने लगती है सभी लोग पूरे श्रद्धभाव से भगवन भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते है इस व्रत की पूजन सामग्री में जिन वस्तुओं का प्रयोग किया जाता हैं, उसमें पंचामृ्त जो की (गंगाजल, दुध, दही, घी, शहद) को मिलकर बनाया जाता है , फूल, शुद्ध वस्त्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, नैवेध, चंदन आदि का इस्तेमाल किया जाता है.

महाशिवरात्री व्रत पूजा विधि Maha Shivaratri 2019 Puja Vidhi

जो भी लोग इस दिन व्रत रखते है उन्हें सबसे पहले स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूरे दिन भगवान भोले नाथ का ही ध्यान करना चाहिए. इसके बाद भस्म का तिलक कर रुद्राक्ष की माला धारण कर शिव का ध्यान व पूजन करना चाहिए. इसके बाद भगवान शंकर को धूप, दीप, पुष्पादि व बाकी सभी पूजन सामग्री अर्पित करे. मान्यता है की जो लोग इस दिन व्रत रखते है और रुद्राभिषेक करते है तो भगवान् शिव अत्यन्त प्रसन्न होते है. जलाभिषेक के लिए लोटे में पानी या दूध भरकर, उसपर बेलपत्र, धतूरे के फूल, चावल, तिल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। यदि सम्भव हो तो इस दिन रात्रि जागरण करना बहुत ही शुभ माना जाता है. कहा जाता है की शिवरात्रि की पूजा निशीथ काल में करना सर्वश्रेष्ठ होता है।

महाशिवरात्रि व्रत का महत्व व फल Maha Shivaratri 2019 Importance and Benefits

वैसे तो साल के सभी शिवरात्रि व्रत रखने का महत्व है लेकिन इन सभी में महाशिवरात्रि का व्रत बहुत ही  खास महत्व रखता है. मान्यता है की कोई व्यक्ति अगर सच्चे मन से इस दिन भगवान भोले की पूजा करे तो शिव शंकर उसकी सभी मनोकानायें पूर्ण करते हैं। इस पावन दिन शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल,  और बेर अर्पित करने का भी खास महत्व होता है। इस दिन शिव जी को दूध और जल से अभिषेक करना बहुत ही शुभ फल देने वाला होता है. महाशिवरात्रि व्रत करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है, व्यक्ति में आत्मबल सुदृढ़ होता है, कार्य क्षमता बढ़ती है और जल्दी ही सफलता मिलती है.

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