कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त 2021 | Kamada Ekadashi Date Time 2021

कामदा एकादशी पूजा विधि Kamada Ekadashi Puja Vidhi 2021

Kamada EkadashiKamada Ekadashi- एकादशी का व्रत शास्त्रों में बहुत महत्त्व रखता है। प्रत्येक मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में आने वाली दोनों एकादशियों का अपना विशेष महत्व है। कहा जाता है की चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी सभी एकदशीयो में बहुत खास होती है क्योकि यह हिंदू संवत्सर की पहली एकादशी होती है। जिसे कामदा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत रखने व्रती को मोक्ष के साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामना भी पूरी होती है. आज हम आपको साल 2021 कामदा एकादशी व्रत की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन इस दिन किन कार्यों को करने की मनाही होती है इस बारे में बताएँगे.

कामदा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त 2021 Kamada Ekadashi Dte time 2021

  1. साल 2021 में 23 अप्रेल शुक्रवार को कामदा एकादशी का व्रत रखा जायेगा|
  2. एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी – 22 अप्रैल सायंकाल 11 बजकर 35 मिनट पर|
  3. एकादशी तिथि समाप्त होगी – 23 अप्रैल रात्रि 9 बजकर 47 मिनट पर|
  4. एकादशी व्रत के पारण का समय होगा – 24 अप्रैल प्रातःकाल 5 बजकर 47 मिनट से 8 बजकर 24 मिनट तक|

कामदा एकादशी पूजा विधि Kamada Ekadashi Puja Vidhi

कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा का विधान है एकादशी तिथि को प्रातः काल स्नान के बाद निर्मल वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लेना चाहिये। इसके बाद भगवान श्री हरि यानि विष्णु जी की फल, फूल, दूध, तिल, पंचामृत आदि सामग्री के साथ पूजा करनी चाहिये। पूजा के समय ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र और विष्णुसहस्त्रनाम का जप करे। यदि संभव हो तो एकादशी की रात जागरण और भजन कीर्तन करे पूजा के बाद एकादशी व्रत की कथा पढ़े और आरती करे. अगले दिन अर्थात द्वादशी तिथि को व्रत का पारण कर व्रत सम्पन्न करे. ध्यान रखे की व्रत द्वाद्शी तिथि समाप्त होने से पहले खोल लेना चाहिये.

कामदा एकादशी व्रत का महत्व Kamada Ekadashi Importance

कामदा एकादशी पूरे साल भर में आने वाली सभी एकादशियों में सबसे खास है। नवसंवस्तर की यह पहली एकादशी होती है ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति कामदा एकादशी का उपवास करता है उसे प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है। और साथ ही कामदा एकादशी की विधिवत पूजा व उपाय करने से वाजपेयी यज्ञ के समान फल मिलता है।

एकादशी व्रत का पारण कब करें Kamada Ekadashi Vrat Paran 2021

शास्त्रों की माने तो एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले ही करना शुभ होता है यदि द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाती है तो इस स्थिति में सूर्योदय के बाद ही पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण हरि वासर के दौरान भी नहीं करना चाहिए। इसलिए जो भी यह व्रत रखते है और व्रत का पारण करते है उन्हें हरि वासर की अवधि समाप्त होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए और फिर पारण करना चाहिए.

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कामदा एकादशी नियम kamadaa ekadashi niyam

  1. शास्त्रों में प्रत्येक व्रत व त्यौहार के कुछ जरूरी नियम बताये गए है इसी तरह कामदा एकादशी के भी कुछ नियम है जिनका पालन व्रती को अवश्य ही करना चाहिए.
  2. कामदा एकादशी में चावल नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसे व्रत में वर्जित माना गया है।
  3. कामदा एकादशी के दिन चावल का त्याग करने से व्रत का दोगुना फल मिलता है।
  4. कामदा एकादशी के व्रत में लहसुन, प्याज और मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए।
  5. कामदा एकादशी का व्रत रखने वालों को स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर ही विष्णु भगवान का स्मरण करना चाहिए।
  6. इस व्रत का पालन व शुरुआत दशमी तिथि से होती है। जो द्वादशी तक चलती है। इसमें एकादशी के दिन पूर्ण व्रत रखना चाहिए।
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