ज्येष्ठ वट पूर्णिमा व्रत 2022 Jyestha Vat Purnima Vrat 2022 Date Time

वट पूर्णिमा पूजा विधि व नियम Vat Purnima Vrat Puja Vidhi and Niyam

Vat Purnima Vat Purnima शास्त्रों में जिस तरह वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को रखा जाता है ठीक वैसे ही कुछ जगहों पर ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को वट पूर्णिमा व्रत करने का विधान है इस दिन सभी सुहागन महिलाये पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर बरगद के वृक्ष और सावित्री सत्यवान का पूजन करती है. आज हम साल 2022 में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रखे जाने वाले वट पूर्णिमा व्रत की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा की विधि, और साथ ही इस व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियम व अखंड सौभाग्य प्राप्ति उपायों के बारे में जानेंगे.

वट पूर्णिमा व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Vat Purnima Vrat Shubh Muhurat 2022

  1. वट पूर्णिमा व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Vat Purnima Shubh Muhurat 2022
  2. साल 2022 में वट पूर्णिमा का व्रत 14 जून मंगलवार के दिन रखा जाएगा|
  3. पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी – 13 जून रात्रि 09:02 मिनट पर|
  4. पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी- 14 जून शाम 05:21 मिनट पर|
  5. इसी दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत भी रखा जाएगा.
  6. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर चंद्रोदय समय होगा- शाम 07:29 मिनट|
  7. वट पूर्णिमा पूजा का शुभ समय – 11:54 मिनट से दोपहर 12:49 मिनट तक|
  8. वट पूर्णिमा व्रत का पारण होगा – 15 जून बुधवार|

वट पूर्णिमा पूजन विधि Vat Purnima Vrat Puja Vidhi

Vat Purnima  वट पूर्णिमा व्रत वट सावित्री व्रत के 15 वें दिन या 15 दिन बाद आता है. वट पूर्णिमा व्रत की पूजा वट सावित्री व्रत की तरह ही की जाती है इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा की तैयारी करे. इस दिन बरगद या वट वृक्ष के पूजन का महत्व है वट वृक्ष की पूजा में सबसे पहले वट वृक्ष को जल चढ़ाकर सुहाग का सामान, अक्षत, रोली, पुष्प, धूप-दीप व नैवेद्य अर्पित करे. कच्चे सूत को 7 बार वृक्ष पर लपेटते हुए परिक्रमा करे. इसके बाद वट सावित्री व्रत कथा पढ़े अथवा सुने अंत में सुहाग की कामना करते हुए सभी बड़ो का आशीर्वाद ले.

वट पूर्णिमा व्रत नियम Vat Purnima Vrat niyam

Vat Purnima वट पूर्णिमा व्रत सभी सुहागन महिलाओं के लिए बेहद खास और महत्वपूर्ण होता है. शास्त्रों के अनुसार वट पूर्णिमा व्रत के कुछ जरूरी और महत्वपूर्ण नियम बताये गए है जिनका जिनका पालन सभी सुहागन महिलाओं को अवश्य करना चाहिए आइए जानते हैं इस दिन अपनाये जाने वाले नियम कौन से है.

  1. वट पूर्णिमा व्रत के प्रभाव से सुहागन महिलाओ को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है इसीलिए इस व्रत को सच्चे मन से करना चाहिए किसी भी तरह के गलत विचार मन में  नहीं आने देने चाहिए।
  2. घर का वातावरण शुद्ध और शांत रखना चाहिए किसी भी तरह अशुद्धि और घर में कलेश आदि नहीं करना चाहिए।
  3. इस व्रत को बरगद के वृक्ष का कोपल खाकर ही समाप्त करना चाहिए.
  4. जो भी लोग इस व्रत को रखते है उन्हें आज के दिन तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए और सात्विकता का ध्यान रखना चाहिए।

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वट पूर्णिमा अखंड सौभाग्य उपाय Vat Purnima Upay

  1. वट पूर्णिमा या ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रात्रि में चद्रोदय के बाद चन्द्रमा के दर्शन कर उन्हें मीठे जल का अर्घ देना शुभ होता है.
  2. वट सावित्री पूर्णिमा के दिन ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करते हुए पीपल के वृक्ष पर कच्चा सूत लपेटते हुए परिक्रमा करनी चाहिए.
  3. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुहागन महिलाओ को सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखकर वट वृक्ष की परिक्रमा, पूजा करनी चाहिए.
  4. वट पूर्णिमा के दिन सुहागन स्त्रियां अगर कच्चा दूध वट वृक्ष पर चढ़ाती हैं तो उनकी हर मनोकामना पूरी होती है.
  5. अखंड सौभाग्य और पारिवारिक सुख के लिए यदि आज के दिन वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करे.
  6. आज के दिन बरगद वृक्ष में मीठी चीजे चढाने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.
  7. वट पूर्णिमा के दिन सुहागन स्त्रियों को कच्चे सूत को हल्दी से रंगकर तीन बार वट वृक्ष की परिक्रमा करनी चाहिए।
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