मुंशी प्रेमचन्द्र के अनमोल ज्ञानवर्धक विचार Best Thoughts of Munshi Premchand
सुविचार (Quotes) 1. दया मनुष्य का स्वाभाविक गुण है।
सुविचार (Quotes) 2. स्वार्थ की माया अत्यन्त प्रबल है।
सुविचार (Quotes) 3. आत्म सम्मान की रक्षा, हमारा सबसे पहला धर्म है।
सुविचार (Quotes) 4. कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है।
सुविचार (Quotes) 5. अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है।
सुविचार (Quotes) 6. केवल बुद्धि के द्वारा ही मानव का मनुष्यत्व प्रकट होता है।
सुविचार (Quotes) 7. कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता। कर्तव्य~पालन में ही चित्त की शांति है।
सुविचार (Quotes) 8. सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं ।
सुविचार (Quotes) 9. नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है।
सुविचार (Quotes) 10. कड़वी बात भी हंसकर कही जाय तो मीठी हो जाती है।
सुविचार (Quotes) 11. निराशा सम्भव को असम्भव बना देती है।
सुविचार (Quotes) 12. ऐसी घडी नहीं बन सकती जो गुजरे हुए घण्टे को फिर से बजा दे।
सुविचार (Quotes) 13. खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है, जीवन नाम है, आगे बढ़े रहने की लगन का।
सुविचार (Quotes) 14. दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है।
सुविचार (Quotes) 15. अतीत चाहे जैसा हो , उसकी स्मृतियाँ प्रायः सुखद होती हैं।
सुविचार (Quotes) 16. कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और स्र्आब दिखाने से नहीं।
सुविचार (Quotes) 17. चापलूसी का ज़हरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुंचा सकता, जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझकर पी न जाएं।
सुविचार (Quotes) 18. अनुराग यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है। – मुंशी प्रेमचंद दुखियारों को हमदर्दी के आंसू भी कम प्यारे नहीं होते।