वट सावित्री व्रत 2024 Vat Savitri Vrat 2024 Date Time Muhurat

वट सावित्री व्रत पूजा विधि Vat Savitri Vrat Puja Vidhi

Vat Savitri Vrat 2024 Date Vat Savitri Vrat 2024 Date  पंचांग के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रखा जाता है इस व्रत के प्रभाव से सुहागिन महिलाओ को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है. साल 2024 में वट सावित्री व्रत 6 जून गुरुवार को है. इस दिन महिलाये निर्जल व्रत कर शिव पार्वती, सावित्री सत्यवान और वट वृक्ष का पूजन करती है. आइये जानते है वट सावित्री व्रत 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कब खोले, पानी कब पीएं, अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए आज किया जाने वाला एक ख़ास उपाय क्या है|

वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त 2024 Vat Savitri Vrat Date 2024

  1. साल 2024 में वट सावित्री व्रत 6 जून गुरुवार को रखा जाएगा|
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 5 जून सायंकाल 07:54 मिनट पर|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त – 6 जून सायंकाल 06:07 मिनट पर|
  4. अभिजीत मुहूर्त – प्रातःकाल 11:30 मिनट से दोपहर 12:25 मिनट|
  5. लाभ-उन्न्नति मुहूर्त – दोपहर 12:20 मिनट से दोपहर 02:04 मिनट|
  6. अमृत – सर्वोत्तम मुहूर्त – दोपहर 02:04 मिनट से दोपहर 03:49 मिनट|

वट सावित्री पूजन सामग्री Vat Savitri Vrat Pujan Samagri

वट सावित्री व्रत के लिए सावित्री सत्यवान की मुर्तिया, बांस का पंखा, लाल कलावा, धूप, दीप, घी, फल-फूल रोली, सुहाग का सामान, पूरियां, चना, बरगद के फल, सिंदूर, जल से भरा कलश और आदि चीजों की आवश्यकता होती है.

वट सावित्री पूजा विधि Vat Savitri Vrat Puja Vidhi

वट सावित्री व्रत के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान के बाद सोलह श्रृंगार कर व्रत का संकल्प ले. पूजास्थल पर धूप दीप जलाकर सभी पूजन सामग्री एकत्रित कर वट वृक्ष की पूजा करे. वट वृक्ष के नीचे सावित्री सत्यवान की प्रतिमा रखकर वृक्ष पर जल, कुमकुम, अक्षत, रोली चढ़ाये इसके बाद पूरियां और बरगद फल वट वृक्ष को अर्पित करें। अब सूत के धागे को वट वृक्ष के 5, 7 या 108 चक्कर लगाते हुए लपेटकर बांध ले. हर परिक्रमा पर एक-एक चना वृक्ष में चढ़ाती जाती हैं। शाम के समय व्रत कथा पढ़े अथवा सुने.

व्रत कब खोलना चाहिए Vat Savitri Vrat

शास्त्रों के अनुसार वट सावित्री व्रत का पारण कुछ लोग पूजा के बाद और सूर्यास्त से पहले मीठा भोजन ग्रहण कर व्रत करते है तो वही कुछ लोग अगले दिन व्रत का पारण करते है. वट सावित्री व्रत का पारण अपने घर या स्थान की परम्परा के अनुसार करना चाहिए.

पानी कब पिए Vat Savitri Vrat

ऐसी मान्यता है की वट सावित्री व्रत निर्जल रहकर किया जाता है. कुछ लोग व्रत से एक दिन पूर्व निर्जल रहकर व्रत वाले दिन बरगद वृक्ष की पूजा के बाद जल ग्रहण करते है. तो वही कुछ लोग केवल व्रत वाले दिन ही निर्जल व्रत करते है ऐसी स्तिथि में अपनी जगह की मान्यता अनुसार नियमो का पालन करे. सामान्यतः इस दिन सुबह से ही निर्जल रहकर बरगद के वृक्ष की पूजा के बाद जल ग्रहण किया जा सकता है.

वट सावित्री उपाय Vat Savitri Vrat

यह व्रत महिलाये पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन यदि पीपल के पेड़ पर मीठा दूध चढ़कर पीपल के वृक्ष की 108 परिक्रमा करते हुए शनि मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप किया जाय तो इससे शनिदेव की कृपा और अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है.

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