संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि Sankashti Chaturthi Puja Vidhi
Sankashti Chaturthi April 2025 Date Time पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है. यह दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है. हर माह में दो चतुर्थी आती है संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा करने, व्रत रखने और चंद्रदेव को अर्घ्य देने से सभी मनोकामना पूरी होती है. तो आइये जानते है साल 2025 में विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय समय, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है.
विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि 2025 Sankashti Chaturthi Date Time 2025
- साल 2025 बैसाख कृष्ण संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 अप्रैल बुधवार के दिन रखा जाएगा|
- चतुर्थी तिथि शुरू होगी – 16 अप्रैल दोपहर 01:16 मिनट|
- चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 17 अप्रैल दोपहर 03:13 मिनट|
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02:30 मिनट से दोपहर 03:21 मिनट
- गोधूलि मुहूर्त – सायंकाल 06:46 मिनट से सायंकाल 07:09 मिनट
- चन्द्रोदय का समय होगा – रात्रि 10:00 मिनट|
विकट चतुर्थी पूजन विधि Sankashti Chaturthi Pooja Vidhi 2025
चतुर्थी के दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान करे व्रत का संकल्प ले. अब पूजास्थल को शुद्ध कर साफ़ चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करे. प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराये तिलक लगाए. अब अक्षत, पुष्प, जनेऊ, दूब, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, दुर्वा और मिठाई अर्पित कर मोदक या लड्डूओं का भोग लगाएं। पूजा के दौरान ऊं गं गणपते नम: मंत्र का जाप करें। इसके बाद व्रत कथा पढ़ें या सुनें। रात्रि में चन्द्रमा की पूजा कर व्रत संपन्न करे.
विकट संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Upay
- भगवान गणेश को दूर्वा बहुत प्रिय है। आज के दिन उन्हें 11 जोड़े दूर्वा अर्पित करें.
- विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा को पूजा के दौरान गुड़ के लड्डू का भोग लगाना शुभ होता है.
- चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को 5 हल्दी की गांठ चढ़ाएं और ‘श्री गणाधिपतये नम:’ मंत्र का जाप करें।
- संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को सिंदूर अर्पित करने से जीवन में सौभाग्य बना रहता है.
- चतुर्थी के दिन गणेश कवच का पाठ करने से नौकरी और व्यापार में सफलता मिलती है.