आषाढ़ शिवरात्रि व्रत कब है Masik Shivratri in June 2020
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2020 Masik Shivratri Dates 2020
- साल 2020 आषाढ़ माह में मासिक शिवरात्रि का व्रत 19 जून शुक्रवार के दिन रखा जाएगा|
- आषाढ़, कृष्ण चतुर्दशी प्रारम्भ होगी – 19 जून प्रातः काल 11:01 मिनट पर|
- आषाढ़, कृष्ण चतुर्दशी समाप्त होगी 20 जून प्रातः काल 11:52 मिनट पर |
- पूजा का शुभ मुहूर्त होगा- 19 जून प्रातः काल 12:03 मिनट से प्रातः काल 12:43 मिनट तक
- पूजा की कुल अवधि 40 मिनट्स की होगी|
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि Masik Shivratri Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प करे और भगवान शिव व उनके पूरे परिवार की विधिवत पूजा करें. सबसे पहले शिवलिंग का जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से रुद्राभिषेक करें. अब शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. अब शिव परिवार के समक्ष दूप दीप जलाकर मंत्रो उच्चारण व आरती करे. मान्यता है कि रुद्राभिषेक से भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिव पूजा में शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा का पाठ करें अगले दिन भगवान शिव की पूजा पुनः कर दान के बाद उपवास पूरा करे। मान्यताओं के मुताबिक यदि इस व्रत को कुंवारी कन्याये करती है तो उन्हें मनवांछित वर की प्राप्ति होती है.
शिव को प्रसन्न करने के उपाय Masik Shivratri Upay
मान्यता है की शिवरात्रि के दिन यदि कोई भी स्त्री या पुरुष सच्ची भक्ति और श्रद्धा भाव से भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय करता है तो उसकी मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है. तो आइये जानते है इस दिन किया जानें वाला ये उपाय क्या है.
- मासिक शिवरात्रि के दिन भगवन शिव के साथ उनके पूरे परिवार की आराधना करे और यदि इस दिन शिवलिंग पर केसर मिला दूध अर्पित किया जाय तो इससे बिवाह में आ रही सभी परेशानिया दूर होती है.
- यदि इस दिन व्रत रखने के बाद पूजा प्रदोष काल में की जाय तो अति शुभ होता है,
- महादेव की पूजा में उनके प्रिय बेलपत्र और धतुरे का इस्तेमाल जरूर करें,
- शिवलिंग की पूजा करते समय चंदन का टीका जरूर लगाएं। इससे मन को शांति प्रदान होती है.
- मान्यता है की यदि आज के दिन भगवान भोलेनाथ पर धतूरे के अलावा सफेद या नीले फूल चढ़ाया जाय तो मनोकामना पूरी हो सकती है।
मासिक शिवरात्रि नियम Masik Shivratri Niyam
प्रत्येक व्रत की तरह ही इस व्रत के भी कुछ जरूरी नियम है जिनका पालन व्रती को अवश्य करना चाहिए.
- मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए.
- शिवलिंग की पूजा में तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए. शिवलिंग का अभिषेक कभी भी स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों से नहीं करना चाहिए.
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- भगवान शिव की पूजा में उन्हें भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढाने चाहिए जाना चाहिए. क्योकि बिना टूटा चावल पूर्णता का प्रतीक है. इसलिए शिव जी को अक्षत चढ़ाते समय टूटे चावल नहीं चढ़ाये.
- भगवान शिव की पूजा में कभी भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाये जाते है.
- जो लोग शिवरात्रि में चार प्रहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले प्रहर में जल, दूसरे प्रहर में दही, तीसरे प्रहर में घी और चौथे प्रहर में शहद से अभिषेक करना चाहिए.