हरतालिका तीज पूजा विधि नियम Hartalika Teej 2023 Puja Vidhi

हरतालिका तीज कब है Hartalika Teej 2023 Mein Kab Hai 

Hartalika Teej 2023 Puja Vidhi Hartalika Teej 2023 Puja Vidhi हरितालिका तीज का व्रत सुहागन महिलाओ द्वारा रखे जाने वाले सभी प्रमुख व्रतों में से एक है पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है. विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर की प्राप्ति के लिए तीज का यह व्रत रखती हैं. मान्यता है की इस व्रत को निर्जल और निराहार रहकर पूरा किया जाता है आइये जानते है साल 2023 में हरतालिका तीज व्रत तिथि, प्रदोष काल पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और इस व्रत के जरूरी नियम क्या है|

हरतालिका तीज तिथि व शुभ मुहूर्त Hartalika Teej Date time tithi Muhurat 2023

  1. साल 2023 में हरतालिका तीज का व्रत 18 सितंबर सोमवार को रखा जायेगा|
  2. तृतीया तिथि शुरू होगी 17 सितंबर प्रातःकाल 11:08 मिनट पर|
  3. तृतीया तिथि समाप्त होगी 18 सितंबर को रात्रि 12:39 मिनट पर|
  4. प्रातःकाल पूजा मुहूर्त होगा – प्रातःकाल 06:07 मिनट से 08:34 मिनट तक|
  5. प्रदोष काल पूजा मुहूर्त होगा – शाम 06:23 मिनट से रात्रि 08:44 मिनट तक|
  6. पारण का शुभ मुहूर्त होगा – 19 सितम्बर को सूर्योदय के बाद|

हरतालिका तीज पूजा विधि Hartalika Teej Puja Vidhi

हरतालिका तीज व्रत में सुहागिन महिलाएं सुबह स्‍नान के बाद नए वस्‍त्र पहनकर, हाथो में मेहँदी और सोलह श्रृंगार कर व्रत का संकल्प लेती है. हरतालिका तीज में गणेश जी, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। पूजा के लिए मिट्टी से प्रतिमा तैयार कर पूजास्थल पर स्थापित करे सबसे पहले भगवान गणेश जी को तिलक कर दूर्वा अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमीपत्र अर्पित करें अब माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इसके बाद भोग लगाए और हरितालिका तीज व्रत कथा पढ़कर आरती कर ले.

हरतालिका तीज का महत्व hartalika teej mahatva

मान्यता है की इस दिन भगवन शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था जिस कारण सुहागन महिलाओ के लिए इसका महत्व बहुत अधिक है. पौराणिक कथा अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हस्त नक्षत्र में माता पार्वती द्वारा शिवलिंग का निर्माण कर कई वर्षो तक कठोर तप के बाद महादेव ने प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए और पत्नी रूप में स्वीकार किया था. मान्यता है तभी से इस दिन पर महिलाये अखंड सौभाग्य और कुंवारी कन्याये सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए इस व्रत को करने लगी. इस व्रत के प्रभाव से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

हरतालिका तीज व्रत के नियम hartalika teej niyam

  1. शास्त्रों के अनुसार चाहे आप व्रत पहली बार कर रही है या सालो से करती आ रही है व्रत के नियमो का पालन हमेशा ही करना चाहिए।
  2. जो भी महिला या कुंवारी कन्या ने यह व्रत उठाया है उन्हें हर साल इस व्रत को विधि विधान से करना चाहिए।
  3. इस व्रत को निर्जल और निराहार करने की मान्यता है.
  4. तीज का यह व्रत पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है इसीलिए इस दिन सभी सुहागन महिलाओ को सोलह श्रृंगार करने चाहिए.
  5. हरतालिका तीज व्रत में व्रत कथा सुनने का विशेष महत्व है इसीलिए इस दिन व्रती महिला या कन्या को व्रत कथा अवश्य पढ़नी या सुननी चाहिए।

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  1. हरतालिका तीज व्रत 24 घंटे के लिए रखा जाता है. इस व्रत की शुरुआत भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि के सूर्योदय से होकर अगले दिन चतुर्थी के सूर्योदय पर व्रत समाप्त होता है.
  2. हरतालिक तीज व्रत का पारण चतुर्थी तिथि यानी गणपति उत्सव के पहले दिन सूर्योदय के बाद ही किया जाता है.
  3. इस दिन घर में तामसिक भोजन नहीं बनाना चाहिए।
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