विजया एकादशी पूजा मुहूर्त और पारण Ekadashi Shubh Muhurat
विजया एकादशी व्रत कब करे Vijaya Ekadashi Vrat kab Kare
एकादशी व्रत में एक स्मार्त एकादशी और दूसरी वैष्णव एकादशी होती है. ज्योतिष अनुसार, 17 फरवरी को विजया एकादशी व्रत की तिथि तड़के 02:49 मिनट पर ही समाप्त हो रही है, लेकिन सूर्योदय के समय हरि वासर होने के कारण विजया एकादशी व्रत दो दिन मान्य हो रहा है. ऐसे में 16 फरवरी को स्मार्त विजया एकादशी व्रत और 17 फरवरी को वैष्णव विजया एकादशी व्रत होगा. एकादशी स्मार्त व्रत गृहस्थों के लिए होता है. ऐसे में ग्रहस्थो को 16 फरवरी को ही विजया एकादशी व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए.
पूजा मुहूर्त व पारण मुहूर्त Vijaya Ekadashi Paran Muhurat
16 फरवरी को जो लोग विजया एकादशी व्रत रखेंगे, वे सुबह पूजा पाठ कर 17 फरवरी को हरि वासर खत्म होने के बाद पारण करेंगे. उस दिन गृहस्थों के लिए पारण का समय सुबह 08:01 बजे से लेकर 09:13 बजे तक है.
वैष्णव संप्रदाय के विष्णु भक्त विजया एकादशी व्रत 17 फरवरी को रखेंगे. उस दिन वह सुबह में पूजा पाठ करेंगे. वे लोग विजया एकादशी व्रत का पारण 18 फरवरी को सुबह 06:57 बजे से लेकर सुबह 09:13 बजे के बीच कर सकते हैं.
विजया एकादशी पूजा विधि Vijaya Ekadashi Vrat puja Vidhi
एकादशी के दिन स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले और पूजास्थल पर भगवान् विष्णु जी की प्रतिमा स्थापित करे. पूजास्थल में एक वेदी बनाकर उस पर सप्त धान रखें। इस पर जल कलश स्थापित कर इसमें आम या अशोक के पत्तों लगा ले। अब भगवान विष्णु की प्रतिमा को पीले पुष्प, ऋतुफल, तुलसी आदि अर्पित कर धूप-दीप जलाकर आरती करे। भगवन विष्णु को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाए. इसके बाद व्रत कथा पढ़े या सुने और फिर आरती कर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का पारण कर ब्राह्मण को भोजन व दान दक्षिणा देकर विदा करे.
विजया एकादशी क्या करे क्या न करे Vijaya Ekadashi
- एकादशी के दिन संभव हो तो उपवास रखें नहीं तो एक वेला सात्विक भोजन ग्रहण करें.
- आज के दिन भगवन विष्णु व माँ लक्ष्मी की पूजा करे.
- एकादशी के दिन चावल और तामसिक चीजों का सेवन न करें.
- आज के दिन एकादशी व्रत कथा का पठन या श्रवण अवस्य करे.
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- किसी भी तरह से झूठ न बोलें, किसी का अपमान ना करे,
- व्रत के दिन मन वचन व कर्म से शुद्ध रहे.
- हो सके तो किसी भी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन करवाएं।
- एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल डालकर पंचामृत का भोग अर्पण करे.