संकष्टी चतुर्थी कब है 2023 Vighnaraj Sankashti Chaturthi Vrat 2023

गणेश चतुर्थी पूजा विधि Ganesh Chaturthi Vrat Pooja Vidhi 

Vighnaraj Sankashti Chaturthi Vighnaraj Sankashti Chaturthi  पंचाग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहते है. इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा और उन्हें उनकी प्रिय चीजे अर्पित करने से जीवन में चल रही समस्याओं से मुक्ति मिलती है यह चतुर्थी व्रत पितृ पक्ष में आने से और भी अधिक महत्वपूर्ण होगा। आइये जानते है साल 2023 में आश्विन माह संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, चंद्रोदय समय और इस दौरान किये जाने वाले उपाय क्या है|

संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2023 Ganesh Chaturthi 2023

  1. साल 2023 में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत 2 अक्टूबर सोमवार को रखा जायेगा|
  2. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी- 2 अक्टूबर प्रातःकाल 07:36 मिनट पर |
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 3 अक्टूबर प्रातःकाल 06:11 मिनट पर |
  4. चन्द्रोदय का समय होगा – 2 अक्टूबर रात्रि 08:05 मिनट पर|

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Chaturthi Puja Vidhi 

शास्त्रों के अनुसार विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करे और व्रत का संकल्प ले अब विधिवत गणपति जी की पूजा करें. पूजन के समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना शुभ होता है. सबसे पहले प्रतिमा को स्नान कराये और तिलक करे अब गणेश जी की प्रतिमा को फूलों से सजा कर उन्हें रोली, अक्षत फल फूल और दूर्वा अर्पित करे. पूजा में उन्हें तिल, गुड़, लड्डू और मोदक का भोग लगाए. गणेश जी के साथ माँ लक्ष्मी की भी पूजा करे. रात्रि में चांद निकलने के बाद चंद्रपूजन कर व्रत का पारण करे.

संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay

शास्त्रों में गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती है मान्यता है की चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता की आराधना के साथ ही कुछ आसान उपाय किये जाय तो व्यक्ति के सारे संकट दूर हो जाते है. आइये जानते है संकष्टी चतुर्थी के दिन कौन से उपाय करने शुभ होते है.

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  1. शास्त्रों के अनुसार व्यापार में तरक्की, नौकरी में प्रमोशन के लिए संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की प्रतिमा का पूजन कर उन्हें हल्दी की पांच गांठ अर्पित करना शुभ होता है.
  2. पितृ पक्ष में आ रही विघ्नराज संकष्टी के दिन गणेश जी को पूजा में अक्षत, धूप, दीप, कपूर, लौंग और दूर्वा अर्पित करना चाहिए।
  3. आज के दिन गणेश जी को पूजा में लाल सिन्दूर अर्पित करने से धन में वृद्धि होती है.
  4. कहते है की शमी के पेड़ की पूजा से भगवान गणेश जी अत्यंत प्रसन्न होते हैं। चतुर्थी की पूजा में भगवान गणेश जी को शमी के पत्ते चढ़ाये।
  5. गणेश यंत्र बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि चतुर्थी के दिन गणेश यंत्र घर में स्थापित करने से धन धान्य में वृद्धि होती है.
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