वैशाख शुक्ल प्रदोष व्रत कब है 2023 Vaisakh Budh Pradosh Vrat 2023

प्रदोष व्रत पूजा विधि Pradosh Vrat Pooja Vidhi

Vaisakh Budh PradoshVaisakh Budh Pradosh शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है यह तिथि भगवन भोलेनाथ को समर्पित है इस समय वैशाख माह चल रहा है। साल 2023 में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 मई दिन बुधवार को है। बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित माना जाता है. मान्यता है की यदि प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़े तो उसे बुध प्रदोष कहते हैं. बुध प्रदोष के दिन व्रत करके से उत्तम स्वास्थ्य और बुद्धि का विकास होता है. आइये जानते है वैशाख शुक्ल प्रदोष व्रत तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, शिव पंचाक्षरी मंत्र, नियम और इस दिन किये जाने वाले महाउपाय क्या है.

वैशाख शुक्ल प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त 2023 Pradosh Vrat May 2023 Date

  1. साल 2023 में वैशाख शुक्ल प्रदोष व्रत – 3 मई बुधवार को रखा जाएगा|
  2. प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 3 मई सायंकाल 06:57 मिनट से रात्रि 09:06 मिनट तक|
  3. वैशाख, शुक्ल त्रयोदशी प्रारम्भ होगी – 2 मई रात्रि 11:17 मिनट पर|
  4. वैशाख, शुक्ल त्रयोदशी समाप्त होगी – 3 मई रात्रि 11:49 मिनट पर|

बुध प्रदोष पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi

बुध प्रदोष के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करे और स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प ले. अब घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. सबसे पहले प्रथम पूज्य गणेश जी का ध्यान कर उन्हें तिलक करे फिर भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक कर उन्हें पुष्प, बिल्वपत्र, धतूरा आदि उनकी प्रिय चीजे अर्पित करें. पूजा में ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र और शिव पंचाक्षरी मंत्र का 108 बार जाप करें. इस दिन संपूर्ण शिव परिवार का पूजन करे. शाम के समय यानि प्रदोष काल में पुनः भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराकर सभी पूजन सामग्री अर्पित करे और धूप दीप जलाये और सफेद चावल की खीर का भोग लगायें। अंत में बुद्ध प्रदोष व्रत कथा का पाठ व आरती कर पूजा संपन्न करे.

प्रदोष व्रत के नियम pradosh vrat ke niyam  

  1. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. मान्यता है की इस समय भगवन शिव साक्षात् शिवलिंग पर अवतरित होते है इसीलिए प्रदोष काल में घर में अशांति का वातावरण ना होने दे.
  2. शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में किसी का अपमान नहीं करना चाहिए.
  3. इस दिन पूजा के समय पूजास्थल पर किसी भी तरह की अशुद्धि न रखे.
  4. ऐसी मान्यता है की प्रदोष व्रत के दौरान लाल मिर्च, अन्न, चावल, सादा नमक इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.
  5. प्रदोष काल में पूजा शुरू करने से पहले पुनः स्वच्छ होकर और स्वच्छ वस्त्र पहनकर ही पूजा प्रारम्भ करनी चाहिए.
  6. आज के दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

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बुध प्रदोष महाउपाय Pradosh Vrat Mahaupay

  1. शास्त्रों के अनुसार बुध प्रदोष के दिन शमी पत्र को साफ पानी से धोकर शिवलिंग पर अर्पित करें और ‘ऊँ नमःशिवाय’ मंत्र का 11 बार जाप करें। ऐसा करने से आपको कार्यो में विजय प्राप्त होती है.
  2. बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है ऐसे में बुध प्रदोष के दिन गणेश जी के सामने घी का दीपक जलाकर 108 बार भगवान गणेश जी के मंत्र “ॐ गंग गणपतये नमः” का जाप करे.
  3. त्रोदशी तिथि को प्रदोष काल के समय भगवान शिव साक्षात रूप से शिवलिंग में प्रकट होते हैं इसीलिए प्रदोष काल में भगवान शिव का दूध से अभिषेक कर उन्हें बिल्वपत्र और धतूरा चढाने से मनोकामना पूरी होती है.
  4. बुध प्रदोष के दिन प्रदोष काल में शिवलिंग के समीप घी का चौमुखी दीपक जलाकर शिव मंत्रो का जाप करना शुभ होता है.
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