शीतला अष्टमी के दिन क्यों चढ़ाते है बासी भोजन Sheetla Ashatami Vrat Puja Vidhi
शीतला अष्टमी का व्रत चैत्र मास की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। आमतौर पर इसे होली के आठवें दिन मनाने का विधान है. इस दिन माता शीतला की पूजा आराधना कर व्रत किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार सभी व्रतों में यह मात्र एक ऐसा व्रत है जिसमें बासी भोजन का भोग लगाया जाता है और प्रसाद के रूप में बासी भोजन ही ग्रहण किया जाता है। जिसे बासोड़ा कहा जाता है आज हम आपको साल 2020 में आने वाली शीतला अष्टमी व्रत की शुभ तिथि पूजा विधि और इससे जुडी अन्य बातो के बारे में जानेगे.
शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त 2020 Sheetla Ashtami Vrat 2020
- साल 2020 में शीतला अष्टमी का व्रत 16 मार्च सोमवार के दिन रखा जाएगा|
- अष्टमी तिथि शुरू होगी – 16 मार्च प्रातःकाल 03:19 मिनट पर |
- अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 17 मार्च 02:59 मिनट पर |
- शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 16 मार्च प्रातःकाल 06:29 मिनट से सायंकाल 06:30 मिनट तक|
- पूजा की कुल अवधि 12 घंटे 01 मिनट की होगी|
शीतला अष्टमी पूजा विधि Sheetla Ashtami Puja Vidhi
शीतला अष्टमी से पूर्व सप्तमी तिथि को मीठा भात, खाजा, चूरमा, नमक पारे, बेसन की पकौड़ी आदि भोग की सामग्री बना लेनी चाहिए। अगले दिन यही भोग शीतला अष्टमी की पूजा में रखा जाता है शीतला अष्टमी के दिन संभव हो तो ठंडे पानी से स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब पूजा की थाली तैयार करते हुए इस थाल में सप्तमी के दिन बनाया हुआ सभी भोग का सामान रख ले दूसरी थाली में काजल, रोली,चावल, मौली, हल्दी व 1 लोटे में जल रखकर माता शीतला की पूजा करे पूजा के बाद जल चढ़ाकर बचे हुए जल को घर के सभी सदस्यों की आँखों पर लगाए और कुछ जल को पूरे घर में छिड़क दे इससे घर की शुद्धि के साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
शीतला अष्टमी महत्व Sheetla Ashtami Importance
प्राचीन मान्यता के अनुसार शीतला माता की पूजा के दिन यानि की शीतला अष्टमी के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता. माता शीतला की पूजा का यह पर्व पर्यावरण को स्वच्छ व सुरक्षित रखने की प्रेरणा देता है इस समय ऋतु परिवर्तन के साथ ही मौसम में कई प्रकार के बदलाव आते हैं और इन बदलावों के कारण होने वाले प्रभावों से बचने के लिए साफ सफाई का पूर्ण ध्यान रखा जाता है. शीतला अष्टमी के दिन यदि माता शीतला की पूजा पूरे विधि विधान से की जाय तो माँ अपने भक्तो को निरोगी काया का वरदान देती है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से परिवार के सदस्यों को त्वचा संबंधी परेशानिया नहीं होती हैं।
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शीतला माता को क्यों चढ़ता है बासी प्रसाद Sheetla Ashtami Important Things
शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता की पूजा में उन्हें विशेषकर मीठे चावलों का और ठंडी चीजों का भोग चढ़ाया जाता है। शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि शीतला माता को ठंडी चीजें बहुत अधिक प्रिय हैं। माँ का यह रूप भक्तो को शीतलता प्रदान करने वाला है इसीलिए सप्तमी तिथि के दिन उनके लिए चावल गुड़ या गन्ने के रस से ही बनाए जाते हैं। आज के दिन चढ़ाया जाने वाला भोग का सामान एक दिन पूर्व बनाये जाने के कारण ही इसे बसौड़ा भी कहा जाता है।