Sawan Somwar Vrat Date Time 2021 | सावन सोमवार व्रत तिथियां 2021

सावन सोमवार 2021 Sawan Somwar 2021 Kab Shuru Hai 

Sawan Somwar Vrat Date Time 2021 Sawan Somwar Vrat Date Time 2021 हिन्दू पंचांग का पांचवां महीना सावन होता है। इसे श्रावण माह के नाम से भी जाना जाता है। यह माह भगवान शिव को सबसे प्रिय है। इसलिए शिवभक्तों को सावन महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है। इसी महीने शिव भक्त कावड़ लेकर आते हैं और उस कांवड़ जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं। श्रावण माह में सोमवार की सभी तिथियां विशेष होती है। सावन सोमवार व्रत से मनोकामना पूर्ति होती है। आज हम आपको साल 2021 सावन माह की  शुभ तिथियां और  शिव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने की जाने वाली विशेष पूजा विधि के बारे में बताएँगे।

सावन सोमवार व्रत तिथियां – Sawan Somwar all Dates

राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखण्ड के लिए सावन सोमवार व्रत तिथियां-

Sawan Somwar Vrat Date Time 2021 साल 2021 में इन सभी के लिए सावन महीने की शुरुआत 25 जुलाई रविवार से होगी और इसकी समाप्ति भी 22 अगस्त रविवार के दिन होगी। इस बार सावन में कुल 4 सोमवार पड़ेंगे।

  1. 26 जुलाई सोमवार, पहला सावन सोमवार व्रत
  2. 2 अगस्त सोमवार, दूसरा सावन सोमवार व्रत
  3. 9 अगस्त सोमवार, तीसरा सावन सोमवार व्रत
  4. 16 अगस्त सोमवार, चौथा सावन सोमवार व्रत

Sawan Somwar Vrat Date Time 2021 पश्चिम और दक्षिण भारत के लिए सावन सोमवार तिथियां होंगी –

  1. सावन माह की शुरआत 9, अगस्त सोमवार से होगी और इसकी समाप्ति 7 सितम्बर मंगलवार को होगी|
  2. 9 अगस्त सोमवार पहला सावन सोमवार व्रत
  3. 16 अगस्त सोमवार दूसरा सावन सोमवार व्रत
  4. 23, अगस्त सोमवार तीसरा सावन सोमवार व्रत
  5. 30, अगस्त सोमवार चौथा सावन सोमवार व्रत
  6. 6 सितम्बर सोमवार पांचवां सावन सोमवार व्रत

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सावन सोमवार पूजा विधि Sawan Somwar Pujan Vidhi

Sawan Somwar Vrat Date Time 2021 मान्यता है की सावन का महीना सौभाग्य प्राप्ति के लिए विशेष होता है सावन सोमवार के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लेकर शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें महादेव के साथ ही साथ माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध अर्पित करे। इसके बाद पंचामृत से महादेव का रुद्राभिषेक कर उन्हें बिल्व पत्र अर्पित करें और शिवलिंग पर धतूरा, बिल्वपत्र, आलू, चंदन, चावल चढ़ाये। भोग के रूप में भगवान शिव को घी व शक्कर का भोग लगाएं और अंत में धूप, दीप प्रज्वलित कर आरती कर प्रसाद वितरण करे.

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