संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Vrat Pooja Vidhi
एकदन्त संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2024 Sankashti Chaturthi 2024
- साल 2024 में एकदन्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत 26 मई रविवार को रखा जाएगा|
- चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 26 मई सायंकाल 06:06 मिनट |
- चतुर्थी तिथि समाप्त – 27 मई सायंकाल 04:53 मिनट पर|
- चद्रोदय का समय होगा – रात्रि 10:12 मिनट पर|
- पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 07:08 मिनट से दोपहर 12:18 मिनट|
- शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 07:12 मिनट से रात 09:45 मिनट|
एकदन्त संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि Sankashti Chaturthi Puja Vidhi
संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करे और गणेश जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। मंदिर की साफ-सफाई के बाद एक चौकी पर हरे रंग का वस्त्र बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। अब गणेश जी को थोड़ा-सा जल अर्पित करें और उनके सामने दीप जलाएं अब सभी पूजन सामग्री और 11 या 21 गांठ दूर्वा की चढ़ाएं। दूर्वा चढ़ाने के साथ ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद गणपति जी को सिंदूर, अक्षत और भोग के रूप में लड्डू या फिर मोदक अर्पित करें। रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्र देव को अर्घ्य दें और व्रत का समापन करे.
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संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay
- गणेश जी सभी देवो में प्रथम पूज्य देव है इन्हे विघ्नहर्ता भी कहा जाता है मान्यता है की चतुर्थी के दिन किये उपाय से मनोकामना पूरी होती है.
- ज्येष्ठ मास की एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को पूजा में दूर्वा की 21 गाठें और गुड़ के 21 लड्डू अर्पित करें. साथ ही ओम वक्रतुंडाय नम: मंत्र का उच्चारण करते रहना फलदायी होता है.
- घर में सुख, शांति और धन, संपत्ति मेंवृद्धि के लिए संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी सुपारी, लौंग और जायफल चढाने चाहिए.
- संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को पूजा में हल्दी से स्वास्तिक बनाया हुआ पान का पत्ता अर्पित करने से कार्य सफल होते है.
- करियर में सफलता के लिए संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को गेंदे के फूल अर्पित करना शुभ होता है.