ज्येष्ठ संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2024 Sankashti Chaturthi Date Time 2024

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि Sankashti Vrat Pooja Vidhi 

Sankashti Chaturthi Date Time 2024Sankashti Chaturthi Date Time 2024 शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह में दो चतुर्थी पड़ती है. शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में| कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी होती है. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी एकदन्त संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। मान्यता है की इस दिन महिलाएं अपनी संतान के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य और दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत भी करती हैं. यह व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है आइये जानते है 2024 में ज्येष्ठ माह की एकदन्त संकष्टी चतुर्थी व्रत की सही तिथि, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि, चंद्रोदय समय और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|

एकदन्त संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2024 Sankashti Chaturthi 2024

  1. साल 2024 में एकदन्त संकष्टी चतुर्थी का व्रत 26 मई रविवार को रखा जाएगा|
  2. चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – 26 मई सायंकाल 06:06 मिनट |
  3. चतुर्थी तिथि समाप्त – 27 मई सायंकाल 04:53 मिनट पर|
  4. चद्रोदय का समय होगा – रात्रि 10:12 मिनट पर|
  5. पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 07:08 मिनट से दोपहर 12:18 मिनट|
  6. शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त – सुबह 07:12 मिनट से रात 09:45 मिनट|

एकदन्त संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा विधि Sankashti Chaturthi Puja Vidhi

संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करे और गणेश जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। मंदिर की साफ-सफाई के बाद एक चौकी पर हरे रंग का वस्त्र बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। अब गणेश जी को थोड़ा-सा जल अर्पित करें और उनके सामने दीप जलाएं अब सभी पूजन सामग्री और 11 या 21 गांठ दूर्वा की चढ़ाएं। दूर्वा चढ़ाने के साथ ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद गणपति जी को सिंदूर, अक्षत और भोग के रूप में लड्डू या फिर मोदक अर्पित करें। रात्रि में चंद्रोदय के बाद चंद्र देव को अर्घ्य दें और व्रत का समापन करे.

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संकष्टी चतुर्थी उपाय Sankashti Chaturthi Mahaupay

  1. गणेश जी सभी देवो में प्रथम पूज्य देव है इन्हे विघ्नहर्ता भी कहा जाता है मान्यता है की चतुर्थी के दिन किये उपाय से मनोकामना पूरी होती है.
  2. ज्येष्ठ मास की एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को पूजा में दूर्वा की 21 गाठें और गुड़ के 21 लड्डू अर्पित करें. साथ ही ओम वक्रतुंडाय नम: मंत्र का उच्चारण करते रहना फलदायी होता है.
  3. घर में सुख, शांति और धन, संपत्ति मेंवृद्धि के लिए संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी सुपारी, लौंग और जायफल चढाने चाहिए.
  4. संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को पूजा में हल्दी से स्वास्तिक बनाया हुआ पान का पत्ता अर्पित करने से कार्य सफल होते है.
  5. करियर में सफलता के लिए संकष्‍टी चतुर्थी पर गणेश जी को गेंदे के फूल अर्पित करना शुभ होता है.
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