Pashupati Vrat Kab Kaise Kare पशुपति व्रत नियम
Pashupati Vrat puja vidhi पशुपति व्रत भगवान् शिव को समर्पित है यह व्रत भी सोमवार और प्रदोष व्रत की तरह ही किया जाता है शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को रखने से व्यक्ति की मनोकामना जल्दी ही पूरी होने के साथ सुखी वैवाहिक जीवन और हर तरह के संकटो का नाश होता है. यह व्रत सोमवार के दिन कभी भी शुरू किया जा सकता है आज हम आपको इस वीडियो में पशुपति व्रत कब, कैसे करना चाहिए, इसकी पूजा विधि, नियम और उद्यापन कब करना चाहिए इन सभी बातो के बारे में बताएँगे.
पशुपति व्रत कब करे Pashupati Vrat Kab kare
शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है की पशुपति व्रत किसी भी महीने के किसी भी पक्ष अर्थात शुक्ल पक्ष हो या कृष्ण पक्ष में किया जा सकता है इसके लिए कोई विशेष महीना या पक्ष निर्धारित नहीं किया गया है हालाँकि यह ध्यान रखे की इसके लिए सोमवार का दिन होना चाहिए.
कितने व्रत करने चाहिए Pashupati Vrat kitne kare
पौराणिक कथाओ के अनुसार यह व्रत बहुत ही प्रभावशाली माना गया है कहते है की इस व्रत के प्रभाव से जातक को हर तरह के दुख व परेशानियों से छुटकारा मिलता है. शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को 5 सोमवार करना चाहिए मान्यता है की 5 सोमवार से ही आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है.
पशुपति व्रत के नियम Pashupati Vrat niyam
- प्रत्येक व्रत की तरह इस व्रत के भी नियम है जैसे-
- पहले व्रत के दिन व्रती को अपने बाल धोने चाहिए.
- इस दिन पूरी तरह से पवित्र होना चाहिए.
- यदि आप सुबह मंदिर नहीं जा पाए तो शाम के समय मंदिर में पूजा कर सकते है.
- इस व्रत में शाम की पूजा का अधिक महत्व होता है.
- व्रत वाले दिन व्रती को दिन में सोना नहीं चाहिए.
- इस व्रत को फलाहर करना चाहिए इसीलिए शाम को भी भोजन ना करते हुए फलाहार ही करे.
- भगवन शिव को चढाने वाले बिल्वपत्र कटे-फटे न हो.
- अगर 5 व्रत के बाद आप फिर व्रत करना चाहते है तो 1 सोमवर छोड़कर ही फिर व्रत शुरू करे.
पशुपति व्रत विधि Pashupati Vrat vidhi
Pashupati Vrat puja vidhi सोमवार के दिन सुबह उठकर स्नान के बाद 5 सोमवार व्रत का संकल्प ले. अब पूजा की थाली तैयार करे और शिव मंदिर जाकर संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करे पूजा में शिवजी का अभिषेक कर उन्हें सभी पूजन सामग्री, बिल्वपत्र और मीठे का भोग अर्पित करे. इस व्रत की पूजा प्रदोष काल में बहुत लाभकारी मानी जाती है इसीलिए शाम के समय प्रदोष काल में एक बार फिर से पूजा के लिए स्वच्छ होकर पूजा की थाली में 6 घी के दिए लगाए साथ में कुछ मीठा बनाकर शिव मंदिर जाए मंदिर में जाकर मीठे के 3 हिस्से कर ले 2 हिस्से मंदिर में रख दे और 1 घर ले आये जो दिए लेकर गए है उनमे से 5 दिए भगवान शंकर के सामने जला दे और अपनी कामना कर के और 1 दिया थाली में बिना जले ही रख दे. अब घर आकर वह दिया घर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते हुए द्वार के दाहिनी ओर जलाकर रख दे। अब घर लाये मीठे भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करे. ध्यान रखे इस दिन आपको नमक का सेवन नहीं करना है. इस तरह 5 सोमवार आपको यह व्रत करना है.
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उद्यापन विधि Pashupati Vrat udhyapan vidhi
Pashupati Vrat puja vidhi इस व्रत के उद्यापन के लिए 4 सोमवार उसी विधि से करने के बाद 5 वे सोमवार के दिन उसी विधि से पूजा करे अब एक जटा वाला नारियल लेकर अपनी मनोकामना ध्यान करते हुए उसपर 7 बार मौली लपेट ले अब पूजा की थाली में ये नारियल, 6 घी के दिए, मीठा और 108 बेलपत्र लेकर शिव मंदिर जाय नारियल भगवान् शिव को अर्पित करे और शिव मंत्रो का जप करते हुए 108 बिल्वपत्रों को महादेव को अर्पित कर दे घर आकर 1 दिया मुख्य द्वार पर लगाए और प्रसाद के मीठे को घर आकर ग्रहण कर ले. उद्यापन केदिन अपनी सामर्थ्य अनुसार जरूरतमंद को दान करे.