नवरात्रि पांचवां दिन शुभ मुहूर्त Navratri Devi Skandmata Puja Vidhi
Navratri Fifth Day शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है. कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा. मान्यता है की स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा करने से संतान सुख के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है और भक्तों की हर इच्छाएं पूरी होती हैं इस दिन माता सती के स्वरूप मां ललिता की पूजा भी की जाती है। आज हम आपको साल 2022 शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि और पांचवें नवरात्रि व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, माँ के पसंदीदा भोग, मंत्र, रंग और इस दिन किये जाने वाले लाभकारी उपाय के बारे में बतायेगे.
नवरात्रि पांचवा दिन शुभ मुहूर्त 2022 Navratri Fifth Day Shubh Muhurat 2022
- शारदीय नवरात्रि पांचवां नवरात्रि व्रत 30 सितम्बर को रखा जायेगा|
- पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – 30, सितम्बर को प्रातःकाल 12:08 मिनट पर |
- पञ्चमी तिथि समाप्त – 30, सितम्बर को रात्रि 10:34 मिनट पर |
- अभिजीत मुहूर्त होगा – सुबह 11:53 से दोपहर 12:41 मिनट तक |
स्कंदमाता स्वरुप व पसंदीदा भोग, रंग Devi Skandmata Bhog
शास्त्रों के अनुसार देवी दुर्गा का यह स्वरुप बहुत ही करुणामयी और ममतामयी है माता का यह रूप भगवान स्कंद के बालरूप को गोद में लिए हुए है माता की चार भुजाएं है दो हाथो में कमल का फूल है। इनकी एक भुजा ऊपर की तरफ उठी हुई और एक हाथ में पुत्र स्कंद है। सिंह इनका वाहन है। नवरात्रि के पांचवें देवी स्कन्द माता को केले का भोग, पीली रंग की वस्तुए अर्पित करना बेहद प्रिय है क्योकि माँ को पीला रंग पसंद है.
माता स्कंदमाता पूजन विधि Devi Skandmata Puja Vidhi
नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा के लिए प्रातःकाल स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान गणेश जी, सभी देवी देवताओ और देवी स्कंदमाता का आह्वाहन करे. स्कंदमाता की पूजा में धनुष बाण अर्पित करने का विशेष महत्व है धूप दीप जलाकर माता को पूजा में सुहाग का सामान, लाल- पीले फूल, अक्षत, लाल चुनरी, कपूर आदि चीजे अर्पित करे और उनके मंत्र ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥ का 108 बार जाप करे. इसके बाद माँ की आरती कर उन्हें केले का भोग लगाए और अंत में व्रत कथा पढ़कर आरती कर ले.
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माँ को प्रसन्न करने के लिए क्या करे Devi Skandmata Puja Vidhi Upay
शास्त्रों में स्कंदमाता की आराधना का विशेष महत्व है। मान्यता है की पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा से साधक को अंगारक योग के दोषों से मुक्ति मिलती है और आरोग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन माँ को प्रसन्न करने के लिए पंचोपचार विधि से पूजा कर माँ को लाल फूल, बताशे, पान, सुपारी, लौंग, किसमिस, कमलगट्टा, कपूर, और सुहाग की सामग्री अर्पण करे. स्कंदमाता की पूजा में धनुष बाण अर्पित करने का विशेष महत्व है। इससे महिलाओं को सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है।