नवरात्रि पांचवां दिन शुभ मुहूर्त पूजा विधि Navratri Fifth Day Puja Vidhi

नवरात्रि पांचवां दिन शुभ मुहूर्त Navratri Devi Skanmata Puja Vidhi

Navratri Fifth Day Navratri Fifth Day  शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा. मान्यता है की स्कंदमाता की विधि-विधान से पूजा करने से संतान सुख के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है और माँ साधक की सभी इच्छाएं पूरी करती हैं इस दिन माता सती के स्वरूप मां ललिता की पूजा भी की जाती है। आइये जानते है साल 2023 शारदीय नवरात्रि की पंचमी तिथि और पांचवें नवरात्रि व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, माँ के पसंदीदा भोग, मंत्र, रंग और इस दिन किये जाने वाले उपाय क्या है|

नवरात्रि पांचवा दिन शुभ मुहूर्त 2023 Navratri Panchwa Day 2023

  1. शारदीय नवरात्रि पांचवां नवरात्रि व्रत 19 अक्टूबर गुरुवार को रखा जायेगा|
  2. पञ्चमी तिथि प्रारम्भ – 19 अक्टूबर को प्रातःकाल 01:12 मिनट पर |
  3. पञ्चमी तिथि समाप्त – 20 अक्टूबर को प्रातःकाल 12:31 मिनट पर |
  4. पंचमी पूजा मुहूर्त – सुबह 06:24 से सुबह 07:49 मिनट तक |
  5. दूसरा मुहूर्त – सुबह 10:40 से दोपहर 12:06 मिनट तक |

स्कंदमाता स्वरुप Devi Skanmata Bhog

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंद माता की पूजा आराधना के साथ मां सती के रूप में माता ललिता की पूजा करने का विधान है. देवी दुर्गा का पांचवां स्वरुप बहुत ही करुणामयी और ममतामयी है माता का यह रूप भगवान स्कंद के बालरूप को गोद में लिए हुए है माँ की चार भुजाएं है दो हाथो में कमल का फूल है। इनकी एक भुजा ऊपर की तरफ उठी हुई और एक हाथ में पुत्र स्कंद है। सिंह इनका वाहन है।

पसंदीदा रंग, भोग, फूल, महत्व Navratri Rang Bhog Phool 

शास्त्रों की माने तो नवरात्रि के पांचवें देवी स्कन्द माता को केले का भोग अर्पित करना शुभ होता है माँ को पीला रंग, गुड़हल या लाल गुलाब का फूल अत्यधिक प्रिय है. स्कंदमाता की पूजा से दुख दूर होते हैं पापों से मुक्ति मिलती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है.

माता स्कंदमाता पूजन विधि Devi Skanmata Puja Vidhi

नवरात्रि के पांचवे दिन प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान गणेश जी, सभी देवी देवताओ और देवी स्कंदमाता का आह्वाहन करे. स्कंदमाता की पूजा में धनुष बाण अर्पित करने का विशेष महत्व है प्रतिमा के सामने धूप-दीप जलाकर माता को पूजा में सुहाग का सामान, लाल- पीले फूल, अक्षत, लाल चुनरी, कपूर आदि चीजे अर्पित करे और उनके मंत्र ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥ का 108 बार जाप करे. इसके बाद व्रत कथा पढ़कर माँ की आरती करे और उन्हें केले का भोग लगाए.

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माँ को प्रसन्न करने का उपाय Devi Skanmata Puja Vidhi Upay

  1. शास्त्रों में स्कंदमाता की आराधना का विशेष महत्व है। स्कंदमाता की उपासना से भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं
  2. मान्यता है की पांचवें दिन दांपत्य सुख और संतान सुख के लिए स्कंदमाता को पीली चुनरी में 16 श्रृंगार का सामान, एक नारियल, केला, पीला फूल, लाल या हरी चूड़ी रखकर अर्पित करना चाहिए और देवी के बीज मंत्र ह्रीं “क्लीं स्वमिन्यै नम:: का जाप करना चाहिए.
  3. स्कंदमाता की पूजा से साधक को अंगारक योग के दोषों से मुक्ति मिलती है इस दिन माँ को प्रसन्न करने के लिए पंचोपचार विधि से पूजा कर माँ को लाल फूल, बताशे, पान, सुपारी, लौंग, किसमिस, कमलगट्टा, कपूर, और सुहाग की सामग्री अर्पण करे.
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