महाशिवरात्रि कब की है 2025 Mahashivratri Kab Hai 2025
Maha Shivratri Do Not These 5 Works हर साल में फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने की मान्यता है शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि की रात शिव पूजन से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते है लेकिन यदि शिव पूजा में कुछ नियमो का पालन ना किया जाय तो शिव पूजा का लाभ नहीं मिलता इसीलिए शास्त्रों के अनुसार शिव पूजा में कुछ बातो का विशेष ख्याल रखना चाहिए. आइये जानते है साल 2025 में महाशिवरात्रि कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त और इस व्रत के कुछ जरूरी नियम क्या है|
महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2025 Maha Shivratri Date Time 2025
- साल 2025 में महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी बुधवार को मनाया जाएगा|
- चतुर्दशी तिथि शुरू – 26 फरवरी प्रातःकाल 11:08 मिनट|
- चतुर्दशी तिथि समाप्त – 27 फरवरी प्रातःकाल 08:54 मिनट|
- निशिथ काल पूजा का समय – 26 फरवरी रात्रि 12:09 मिनट से रात्रि 12:59 मिनट|
- महाशिवरात्रि व्रत का पारण – 27 फरवरी प्रातःकाल 06:48 मिनट से प्रातःकाल 08:54 मिनट|
- आइये जानते है इस दिन किन बातो का ध्यान रखे|
भगवान शिव को खंडित बिल्व पत्र ना चढ़ाये Shiv Puja Niyam
शास्त्रों के अनुसार शिव पूजा में भगवान शिव को खंडित बिल्वपत्र नहीं चढाने चाहिए. बेलपत्र चढ़ाने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि वह कटा-फटा या दाग-धब्बे वाला न हो. ऐसे बेलपत्र को दोषपूर्ण माना जाता है. साथ ही बेलपत्र को चिकनी तरफ़ से शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए.
केतकी के फूल Shiv Puja Niyam
पौराणिक कथा के अनुसार एकबार केतकी के फूल ने ब्रह्मा जी के झूठ में उनका साथ दिया था, जिससे नाराज होकर भोलनाथ ने केतकी के फूल को श्राप दिया कि शिवलिंग पर कभी केतकी के फूल को अर्पित नहीं किया जाएगा। इसी श्राप के बाद से शिव को केतकी के फूल अर्पित किया जाना अशुभ माना जाता है।
तुलसी ना चढ़ाये Shiv Puja Niyam
कथाओ के अनुसार भगवन शिव की पूजा में तुलसी निषेध मानी गयी है मान्यता है की जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से ही तुलसी की उत्पत्ति हुई है तुलसी को भगवान विष्णु जी की पत्नी का दर्जा प्राप्त होने के कारण ही शिव पूजा में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
हल्दी, सिन्दूर व कुमकुम ना चढ़ाये Shiv Puja Niyam
शास्त्रों के अनुसार वैसे तो प्रत्येक शुभ कार्यो मे हल्दी व कुमकुम का इस्तेमाल शुभ होता है लेकिन शास्त्रों के अनुसार भगवान की पूजा में हल्दी, सिन्दूर व कुमकुम का प्रयोग वर्जित बताया गया है. शिव को उनकी पूजा में कुमकुम, रोली या हल्दी से तिलक करने की बजाय चन्दन व भष्म से तिलक करना शुभ होता है.
टूटे चावल ना चढ़ाये Shiv Puja Niyam
मान्यता है की पूजा में खंडित अक्षत यानि चावलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. टूटे चावल खंडित और अपूर्ण माने जाते है पूजा में खंडित चीजों को निषेध बताया गया है महाशिवरात्रि के दिन इस बात का विशेष ख्याल रखे कि शिव की पूजा के दौरान उन्हें चढ़ाये जाने वाले चावल टूटे ना हो.
नारियल पानी व शंख का जल Shiv Puja Niyam
शास्त्रों के अनुसार ना तो शिवलिंग पैट नारियल पानी चढ़ाया जाता है और ना ही शंख से महादेव का अभिषेक किया जाता है. कहा जाता है की भगवान शिव द्वारा दैत्य शंखचूड़ का नाश करने के कारण के उसका शरीर भस्म हो गया, उस भस्म से शंख की उत्पत्ति हुई थी इसलिए कभी भी शंख से शिवजी को जल अर्पित नहीं किया जाता है।