हरतालिका तीज 2021 कब है Hartalika Teej Date Time 2021
हरतालिका तीज- हरतालिका तीज साल में आने वाले सभी व्रत त्योहारों में से एक है. हरतालिका तीज का यह व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रख जाता है. शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन विशेष महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्रत कुवारी कन्याओ और सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा अखंड सौभाग्य व योग्य वर प्राप्ति के लिए रखा जाता है. इस व्रत को निर्जल किया जाता है। आज हम आपको साल 2021 हरतालिका तीज व्रत तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस व्रत के कुछ जरूरी नियमो के बारे में बताएँगे जिनका पालन जरूर करना चाहिए.
हरतालिका तीज तिथि व शुभ मुहूर्त Hartalika Teej Date time tithi Muhurt 2021
- साल 2021 में हरतालिका तीज का पर्व 9 सितम्बर गुरुवार को रखा जायेगा.
- तृतीया तिथि शुरू होगी 9 सितम्बर प्रातःकाल 02:33 मिनट पर|
- तृतीया तिथि समाप्त होगी 10 सितम्बर प्रातःकाल 12:18 मिनट पर|
- हरितालिका प्रातःकाल पूजा मुहूर्त होगा – प्रातःकाल 06:03 मिनट से 08:33 मिनट तक
- हरितालिका प्रदोषकाल पूजा मुहूर्त होगा – सायंकाल 06:33 मिनट से 08:51 मिनट तक|
हरतालिका तीज पूजा विधि Hartalika Teej Puja Vidhi
हरतालिका तीज के दिन पूजा प्रातःकाल और प्रदोषकाल में की जाती है। सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त का समय प्रदोषकाल होता है यह निर्जल व्रत माता पार्वती और भगवान शंकर को समर्पित है। इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश जी की रेत व काली मिट्टी से प्रतिमा बना ले. अब पूजा स्थल को स्वच्छ कर एक चौकी इन सभी प्रतिमाओं को स्थापित कर ले इसके बाद सभी देवी देवताओं का आह्वान कर विधिवत सभी का पूजन करें। सुहाग का सामान माता पार्वती को अर्पित कर हरतालिका व्रत कथा सुनें या पढ़े. अंत में सभी की आरती कर पूजा संपन्न करे और फिर अगले दिन व्रत का पारण कर ब्राह्मण को दान दक्षिणा देकर व्रत संपन्न करे.
हरतालिका तीज व्रत के नियम Hartalika Teej Fast Rules
हरतालिक तीज का यह व्रत महिलाओं और कुवारी कन्याओ द्वारा अखंड सौभाग्य और योग्य वर प्राप्ति की कामना से निर्जल रखा जाता है अन्य व्रतों की तरह इस व्रत के दिन कुछ जरूरी नियम है यदि व्रती द्वारा इन नियमो के पालन के साथ इस व्रत को किया जाता है तो मान्यता है की व्रती को इस व्रत का फल अवस्य प्राप्त होता है. आइये जानते है इस व्रत से जुड़े नियम क्या है.
- शास्त्रों के अनुसार हरतालिका तीज व्रत निर्जल रहकर करना चाहिए और व्रत के बाद अगले दिन जल ग्रहण करने का विधान है।
- मान्यता है की हरतालिका तीज व्रत एक बार शुरू करने के बाद बीच में छोड़ना नहीं चाहिए प्रत्येक वर्ष इस व्रत को विधि-विधान से करना चाहिए अगर आप किसी कारणवश व्रत छोड़ना चाहती हैं तो उद्यापन के बाद किसी और को व्रत दे सकती हैं।
- शास्त्रों के अनुसार इस दिन महिलाओं को किसी पर भी क्रोध नहीं करना चाहिए।
- यदि संभव हो तो व्रत की रात जागरण कर भजन कीर्तन करने चाहिए.
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- इस दिन दुसरो की बुराई या किसी बड़े बूढ़े का अपमान ना करे.
- यह व्रत सुहाग के लिए किया जाता है इसीलिए इस दिन महिलाओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन पति के साथ किसी तरह का वाद विवाद ना करें.
- हरतालिका तीज के दिन श्रृंगार को अधिक महत्व दिया जाता है, इसलिए इस दिन सोलह श्रृंगार अवश्य करना चाहिए बिना श्रृंगार के नहीं रहना चाहिए.