धनतेरस कब है 2022 सही तिथि Dhanteras 2022 Date Time Muhurat  

धनतेरस तिथि खरीददारी शुभ मुहूर्त Dhanteras Khareeddari Shubh Muhurat

Dhanteras 2022 Date Time Muhurat   शास्त्रों में धनतेरस का खास महत्व है. धनतेरस कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की तेरहवी तिथि यानि त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस से ही दिवाली पर्व की शुरुवात होती है इसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जंयती भी कहते है। मान्यता अनुसार इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक भगवन धन्वंतरि जी समुद्र मंथन से अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे. इसीलिए इस दिन बर्तन खरीदने की भी परंपरा है। मान्यता है की इस दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुणा वृद्धि होती है। आज हम आपको साल 2022 धनतेरस की सही तिथि, पूजा व खरीददारी के शुभ मुहूर्त और इसकी पूजा विधि के बारे में बताएँगे.

धनतेरस तिथि व मुहूर्त 2022 dhanteras Shubh muhurat 2022 

  1. साल 2022 में धनतेरस का पर्व 23 अक्टूबर रविवार को है|
  2. धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है।
  3. धन्वंतरि देव पूजा का शुभ मुहूर्त – 23 अक्टूबर 5:44 मिनट से 06:05 मिनट तक|
  4. प्रदोष काल पूजा मुहूर्त – सायंकाल 05:39 मिनट से रात्रि 08:14 मिनट तक|
  5. वृषभ काल पूजा मुहूर्त सायंकाल 06:51 मिनट से 08:47 मिनट तक|
  6. त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होगी 22 अक्टूबर सायंकाल 06:02 मिनट पर|
  7. त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी 23 अक्टूबर सायंकाल 06:03 मिनट पर|

धनतेरस खरीददारी मुहूर्त 2022 Dhanteras Khariddari Muhurat 2022

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन सोने, चाँदी, शुभ धातु से बनी चीजों की खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है खरीददारी अगर शुभ मुहूर्त में की जाय तो व्यक्ति को इसका कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है इस बार धनतेरस पर खरीददारी के लिए 22 और 23 दो दिन का समय मिलेगा. इस दिन सोना खरीदने का शुभ समय होगा 22 अक्टूबर सायंकाल 06:02 मिनट से 23 अक्टूबर की सुबह 06:27 मिनट तक रहेगा| 23 अक्टूबर को राहुकाल शाम 4:30 से 6:00 बजे तक रहेगा. ऐसे में 4:30 मिनट से पहले या 6:00 बजे बाद खरीदारी करना शुभ रहेगा.

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धनतेरस पूजा विधि Dhanteras pujan vidhi

धनतेरस के दिन लक्ष्मी गणेश, धन्वन्तरि जी, और कुबेर पूजन किया जाता है धनतेरस की शाम उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि जी और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा स्थापित करे. सबसे पहले प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाये और सर्वप्रथम गणेश जी का पूजन करे. अब सभी प्रतिमाओं को चन्दन का तिलक कर फल, फूल व अन्य पूजन सामग्री अर्पण करे. भगवान् कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं। पूजा के समय कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए। अब धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करे. धनतरेस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी की रात यम देवता का पूजन कर दक्षिण दिशा में याम के नाम का दीपक रखना चाहिए. इससे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता. अंत में सभी की आरती कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.

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