देवउठनी एकादशी 2021 तिथि व शुभ मुहूर्त Dev Uthani Ekadashi Vrat Puja Vidhi
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. यह एकादशी दीपावली के बाद आती है इसे देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है प्राचीन मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी को देवशयन करते हैं और कहा जाता है की कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन ही शयन के बाद जागते हैं। इसीलिए इसे देवोत्थान एकादशी कहते है। आज हम आपको साल 2021 देवउठनी एकादशी व्रत की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत के नियमो के बारे में बताएँगे.
देवउठनी एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त 2021 Dev Uthani Ekadashi Date Time 2021
- साल 2021 में देवउठनी एकादशी का व्रत 14 नवंबर रविवार के दिन रखा जाएगा|
- एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी -14 नवंबर प्रातःकाल 05:48 मिनट पर|
- एकादशी तिथि समाप्त – 15 नवम्बर प्रातःकाल 06:39 मिनट पर|
- व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त होगा 15 नवम्बर दोपहर 01:10 मिनट से सायंकाल 03:19 मिनट तक |
देवोत्थान एकादशी पूजा विधि Dev Uthani Ekadashi Vrat puja Vidhi
भगवान विष्णु क्षीरसागर में 4 माह के शयन के बाद देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं। इस दिन भगवान विष्णु जी का पूजन किया जाता है। एकादशी तिथि को व्रत रखने वाले जातक को प्रातःकाल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए. आंगन में भगवान विष्णु जी के चरणों की आकृति बनाकर ओखली को गेरू से रंगकर सभी पूजन सामग्री फल, मिठाई, बेर, सिंघाड़े, ऋतुफल और गन्ना उस स्थान पर ढककर रख दे. एकादशी के दिन रात्रि के समय पूजा स्थल के साथ ही घर के बाहर भी दीये जलाने का विधान है इस दिन भगवान को जगाने के लिए शंख, घंटा-घड़ियाल आदि बजाने चाहिए. इस दिन तुलसी पूजा करना बहुत ही शुभ होता है.
तुलसी विवाह Dev Uthani Ekadashi Tulsi Vivah 2021
बहुत से लोग देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह कराते है इसी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे और शालिग्राम का विवाह बड़े ही धूमधाम से किया जाता है शास्त्रों में तुलसी को विष्णु प्रिया कहा गया हैं स्वर्ग में भगवान विष्णु जी के साथ जो महत्व लक्ष्मी जी का है वही महत्व धरती पर तुलसी जी को प्राप्त है. कहा जाता है की जब देव जागते है तो सबसे पहली प्राथना वो तुलसी की ही सुनते है इस दिन तुलसी विवाह और पूजन करने का अर्थ तुलसी के माध्यम से भगवान का आह्वान करने से ही है। तुलसी विवाह और भगवान हरि के जागने के बाद से ही शुभ व मांगलिक कार्यो का आयोजन भी शुरू हो जाता है.
देवउठनी एकादशी व्रत रखने के नियम Dev Uthani Ekadashi Niyam 2021
- देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु माँ लक्ष्मी जी के साथ साथ अपने इष्ट-देव की भी उपासना करें.
- देवउठनी एकादशी के दिन निर्जल उपवास रखना चाहिए.
- एकादशी के दिन पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- इस दिन तामसिक आहार जैसे प्याज़, लहसुन,बासी भोजन का सेवन बिलकुल न करे.
- देवउठनी एकादशी के दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए.
- एकादशी के दिन किसी के भी साथ दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए.
- एकादशी व्रत में चावलों का सेवन नहीं करना चाहिए.