सरस्वती पूजा कब है 2020 Saraswati Puja Date Shubh Muhurat 2020
बसंत पंचमी का पावन पर्व ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। माता सरस्वती बुद्धि और विद्या की देवी है। बसंत ऋतु में आने वाले इस पर्व के दौरान मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस साल बसंत पंचमी त्यौहार पर एक विशेष संयोग बनने जा रहा है जिस कारण ऐसा मन जा रहा है की इस वर्ष बसंत पंचमी का यह पर बेहद खास होगा और इस दौरान विशेष उपायों के साथ की गयी देवी सरस्वती की आराधना से कई लाभ भक्तो व विद्यार्थियों को प्राप्त होंगे आज इस वीडियो में हम आपको 2020 बसंत पंचमी की तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और शुभ संयोग में सफलता प्राप्ति के लिए किये जाने वाले एक महत्वपूर्ण उपाय के बारे में बताएँगे.
बसंत पंचमी तिथि व शुभ मुहूर्त 2020 Basant Panchami Kab hai 2020
- साल 2020 में बसंत पंचमी का पर्व 29 जनवरी बुधवार के दिन मनाया जाएगा|
- पंचमी तिथि आरंभ होगी – 29 जनवरी बुधवार प्रातःकाल 10:45 मिनट पर|
- पंचमी तिथि समाप्त होगी – 30 जनवरी गुरुवार शाम 01:19 मिनट पर|
- बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त होगा – 29 जनवरी बुधवार 10:45 मिनट से 12:35 मिनट तक|
- वैसे तो बसंत पंचमी का कोई विशेष शुभ मुहूर्त नहीं होता है लेकिन यदि पूजा पंचमी तिथि में की जाय तो शुभ होता है आमतौर पर बसंत पंचमी की पूजा दिन के समय करना लाभकारी है इसीलिए 29 जनवरी के दिन पंचमी तिथि में दिन के समय पूजा को ध्यान में रखते हुए यह पर्व मनाना श्रेष्ठ होगा|
बसंत पंचमी विशेष संयोग 2020 Basant panchami Vrat 2020
ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस वर्ष बसंत पंचमी पर ग्रहो और नक्षत्रो की विशेष चाल का संयोग बनेगा. बसंत पंचमी के दिन 3 ग्रहो का स्वराशि योग बनेगा इस योग के चलते मंगल वृश्चिक राशि में गुरु धनु राशि में और शनि मकर राशि में रहेंगे. शास्त्रों के अनुसार ऐसा योग बेहद खास और शुभ होता है. इसके अलावा 29 और 30 तारिख के दिन पंचमी तिथि होने के कारण बसंत पंचमी का पर्व 2 दिन मनाया जाएगा साथ ही इस दिन सिद्ध योग होने के कारण सभी शुभ कार्यो के लिए ये दिन बेहद लाभकारी रहेगा.
बसंत पंचमी पूजा विधि Basant Panchami saraswati Pooja Vidhi 2020
बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा करने का विधान है. मां सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है इसीलिए इस दिन स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा के साथ-साथ घरों में भी पूजा की जाती हैं. प्रातःकाल स्नान के बाद मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर पूजास्थल पर स्थापित कर ले माँ को पीले रंग के फूल अर्पित करते हुए उनकी वंदना करें. इस दिन पूजा स्थल पर वाद्य यंत्र और किताबें रखकर पूजा करनी चाहिए व पीले कपड़े पहनकर माँ की आराधना करना शुभ माना जाता है. विधिवत पूजा के बाद बच्चो को पुस्तकें उपहार में देना बेहद लाभकारी माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार यदि इस दिन देवी सरस्वती की पूजा के साथ ही सरस्वती स्त्रोत भी पढ़ा जाए तो इसके अद्भुत परिणाम प्राप्त होते हैं और देवी सरस्वती अपने भक्तो से प्रसन्न होती हैं।
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बसंत पंचमी का महत्त्व Basant Panchami Importance
बसंत पंचमी से बसंत ऋतू का शुभारम्भ माना जाता है इसे ऋतुओं का राजा कहा जाता है. इस दिन से ठंड खत्म होने के साथ ही एक बार फिर से सुहाना मौसम दस्तक देता है चारो ओर हरियाली और रंग बिरंगे फूल खिलने लगते हैं. सेहत की दृष्टि से भी इस मौसम का खास महत्व है साथ ही इस समय लोगो और पशु पक्षियों में नई चेतना का संचार होता है प्राचीन मान्यताओं और कथाओ के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्मदिन मनाया जाता है. इसीलिए इस दिन उनकी विशेष पूजा की जाती है. देवी सरस्वती जिन्हे विद्या व बुद्धि की देवी माना गया है यदि इस दिन माँ सरस्वती की पूजा कर उनसे विद्या, बुद्धि, कला एवं ज्ञान का वरदान मांगा जाय तो व्यक्ति की ये कामना पूरी होती है.
बसंत पंचमी उपाय Basant Panchami Upay
बसंत पंचमी पर पीले रंग का बेहद खास महत्व होता है. पीला रंग न सिर्फ शुभ माना गया है बल्कि पीला रंग शुद्धता और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक भी होता है. जो यह सादगी और निर्मलता को दर्शाता है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी पर पीले रंग के फूलों से पूजा करना बेहद शुभ होता है इसके अलावा यदि इस दिन पीले रंग के पकवान बनाये जाय और पीले रंग वस्त्र व रूमाल का धारण किया जाय तो ये पूरे सालभर आपके लक को बढ़ाने वाला उपाय माना जाता है. कहा जाता है की पीले रंग के कपड़े पहनने व्यक्ति के सोचने समझने की शक्ति बढ़ने के साथ ही उसके अंदर उर्जा पैदा होती है। जो उसे सफलता की ओर अग्रसर करता है.