सर्वपितृ अमावस्या उपाय Amavasya Upay 2023
Ashwin Amavasya Date Time 2023 शास्त्रों में पितृपक्ष सबसे महत्वपूर्ण पक्ष माना जाता है। पितृ पक्ष का समापन अमावस्या के दिन होता है. इस वर्ष पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष का समापन 14 अक्टूबर शनिवार को हो रहा है क्योकि इसी दिन पितृ की अमावस्या है जिसे सर्वपितृ अमावस्या, पितृ विसर्जन अमावस्या या मोक्ष अमावस्या भी कहते है. ज्योतिष अनुसार इस बार पितृ विसर्जनी अमावस्या पर कई सालो बाद दुर्लभ योग बनने वाला है ज्योतिष अनुसार इस दिन साल का आखिरी सूर्यग्रहण भी लगेगा. सर्वपित्र अमावस्या पर पितरो का श्राद्ध व तर्पण कर पितरों को विदाई दी जाती है आइये जानते है साल 2023 सर्वपितृ अमावस्या सही तिथि, शुभ मुहूर्त, शुभ योग और इस शुभ योग में किये जाने वाले उपाय क्या है|
सर्वपितृ अमावस्या शुभ मुहूर्त 2023 Ashwin Amavasya 2023 Date
- साल 2023 में आश्विन मास की सर्वपितृ अमावस्या 14 अक्टूबर शनिवार को है|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 13 अक्टूबर रात्रि 09:50 मिनट पर|
- अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 14 अक्टूबर रात्रि 11:24 मिनट पर|
- तर्पण के लिए कुतुप मूहूर्त होगा – प्रातःकाल 11:44 मिनट से दोपहर12:30 मिनट तक|
- रौहिण मूहूर्त होगा – दोपहर 12:30 मिनट से दोपहर 01:16 मिनट|
- अपराह्न काल होगा – दोपहर 01:16 मिनट से सायंकाल 03:35 मिनट तक|
सर्वपितृ अमावस्या शुभ योग Sarva pitru amavasya shubh yog
ज्योतिष अनुसार साल 2023 में 14 अक्टूबर शनिवार को पितृ पक्ष की अमावस्या यानि सर्वपित्र अमावस्या पड़ रही है. इस दिन बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है. इस बार अमावस्या के दिन शनिवार होने के कारण यह शनिचरी अमावस्या होगी. इस दिन साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लगेगा. साथ ही इस दिन शुभ इंद्र योग भी बन रहा है जिस कारण इसका महत्व और बढ़ गया है. इन शुभ संयोगों में पितरों का तर्पण कर उन्हें प्रसन्न और तृप्त किया जा सकता है.
ऐसे करें पितरों की विदाई Ashwin Amavasya Pooja Vidhi
सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितृ पक्ष का समापन होता है. इस दिन प्रात: स्नान करने के बाद गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए. पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है. इस दिन पीपल के पेड़ पर काले तिल के साथ जल अर्पित करें, इससे घर में हमेशा पितरों का आशीर्वाद बना रहता है. दूध, तिल, कुशा, पुष्प, गंध मिश्रित जल से पितरों का तर्पण कर उनका आशीर्वाद ले. माना जाता है कि जल का तर्पण करने से पितरों को तृप्ति मिलती है| घर में बनाये भोजन में से पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौए, देव एवं चीटिंयों के लिए भोजन का अंश निकालकर उन्हें देना चाहिए. ब्राह्मण और जरूरतमंद को सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा देकर विदा करें|
सर्वपितृ अमावस्या उपाय- Ashwin Amavasya upay
- शास्त्रों के अनुसार पितृ अमावस्या के दिन गुड़, नमक, अन्न, वस्त्र, गाय का शुद्ध घी और काले तिल का दान करने से संकट दूर होते है.
- सर्वपितृ अमावस्या के दिन घर में सात्विक भोजन बनाकर कौवे, गाय और कुत्तों को अर्पित करने से पितरो को मुक्ति मिलती है और वे प्रसन्न होते है.
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- सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितृगण पितृलोक लौट जाते हैं ऐसे में शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाकर दक्षिण दिशा में रखकर उन्हें सम्मानपूर्वक विदाई देनी चाहिए.
- इस दिन शाम के समय 1 दीपक पितरो के निमित पीपल के वृक्ष के नीचे भी जलाना चाहिए इससे पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृ दोष दूर होता है.