अषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2020 Ashad Gupt Navratri 2020 Date Time Muhurat

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब है 2020 Gupt Navratri 2020 Kab Hai

अषाढ़ गुप्त नवरात्रिअषाढ़ गुप्त नवरात्रि- शास्त्रों के अनुसार पूरे सालभर में चार बार नवरात्रि का पर्व आता है जिसमे से 2 सामान्य और 2 गुप्त नवरात्रि होती है. देवी दुर्गा शक्ति का प्रतीक है और माँ के भक्तो के लिए देवी दुर्गा के नौ दिवसीय साधना का महापर्व बहुत खास होता है आषाढ़ माह में कई बड़े व्रत त्यौहार मनाये जाएंगे जिनमे से एक है आषाढ़ी गुप्त नवरात्रे | आज इस वीडियो में हम आपको आषाढ़ मास माने वाली गुप्त नवरात्रि की शुभ तिथियां, कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मनोकामना पूर्ति माहउपाय और इस दिन माता रानी को प्रसन्न करने के लिए किन बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए इस बारे में बताएँगे.

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुभ मुहूर्त 2020 Gupt Navratri Dates 2020

  1. साल 2020 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का पर्व 22 जून सोमवार से शुरू होगा|
  2. घटस्थापना का शुभ मुहूर्त होगा – 22 जून सोमवार सुबह 05:24 मिनट से 07:12 मिनट तक|
  3. मुहूर्त की कुल अवधि 01 घण्टा 48 मिनट की होगी|
  4. घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त होगा – 22 जून सोमवार प्रातः 11:55 मिनट से 12:51 मिनट तक|
  5. मुहूर्त की कुल अवधि 56 मिनट की होगी|
  6. घट स्थापना अभिजीत मुहूर्त और प्रतिपदा तिथि में करना शुभ माना जाता है
  7. प्रतिपदा तिथि आरभ होगी – 21 जून दोपहर 12:10 मिनट पर |
  8. प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी – 22 जनवरी प्रातः 11:59 मिनट पर |

गुप्त नवरात्रि पूजा विधि Gupt Navratri Pooja Vidhi

गुप्त नवरात्र के दौरान 10 महाविद्या, तंत्र साधना व महाकाल की विशेष पूजा की जाती है. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि में की गयी पूजा को गोपनीय रखा जाता है नवरात्रि के पहले दिन स्नान आदि से निवृत होकर 9 दिनों तक व्रत का संकल्प लेकर शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करे यदि आप कलश स्थापना करते है तो सुबह शाम देवी मंत्र जाप, चालीसा या सप्तशती का पाठ जरूर करे. देवी मां को दोनों वेला के समय लौंग और बताशे का भोग लगाएं, गुप्त नवरात्रो के दौरान मां को लाल रंग के फूल चढ़ाना सर्वोत्तम माना जाता है नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक अपना खान पान और आहार सात्विक रखें. इसके साथ अष्टमी या नवमी पर कन्या पूजन कर व्रत संपन्न करे गुप्त नवरात्री में गुप्त रूप से की गयी देवी की आराधना जल्द ही फलीभूत होती है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है।

गुप्त नवरात्री का महत्व Importance of Gupt Navratri

शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्री साधकों के लिए यह विशेष फलदायक होती है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय राखी जाती है सफलता उतनी ही ज्यादा मिलती है गुप्त नवरात्रि की पूजा चैत्र और शारदीय नवरात्र की तुलना में अधिक कठिन है इसमें बेहद कड़े नियमो का पालन करते हुए व्रत रखकर और माँ काली की साधना की जाती है। यह नवरात्रि तांत्रिक सिद्धियों की पूजा के लिए सबसे उत्तम मानी गयी है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि महाउपाय Gupt Navrtari Upay

आषाढ़ वर्षा ऋतु के आरंभ का महीना होता है। हिंदू पंचाग के अनुसार यह वर्ष का चौथा मास भी होता है। कई बड़े व्रत त्योहारों के साथ ही गुप्त नवरात्रो के लिए प्रसिद्ध माह है. शास्त्रों में ऐसी मान्यता है की यदि व्यक्ति के जीवन में किसी भी तरह की परेशानिया है तो गुप्त नवरात्रो में किया एक महाउपाय व्यक्ति की सभी परेशानियों का अंत कर देता है तो आइये जानते है ये महाउपाय क्या है.

गुप्त नवरात्रि के दौरान सर्वप्रथम स्नान कर पूजास्थल पर एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा ले अब इसपर 11 गोमती चक्र रखे. इसके बाद रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से देवी माँ के प्रभावशाली मंत्र || ‘ऐं क्लीं श्रीं’|| मंत्र का 11 माला जाप करे और पूजा के बाद इन गोमती चक्रो को लाल रंग के कपडे में बांध कर तिजोरी में रख दे| इस उपाय को करने व्यक्ति के जीवन से धनसंबंधी परेशानियों का जल्दी ही अंत हो जाता हैऔर जीवन में खुशहाली आती है.

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इन बातो का रखे खास ख्याल Gupt Navratri Niyam 

  1. गुप्त नवरात्रि विशेष तरह की इच्छा की पूर्ति तथा सिद्धि प्राप्त करने के लिए रखे जाते है. इसीलिए इस दौरान कुछ बातो का विशेष ख्याल रखना चाहिए
  2. गुप्त नवरात्रि पर ज्यादा प्रचार प्रसार ना करते हुए अपनी साधना को गोपनीय रखना चाहिए.
  3. अगर आप कलश स्थापना कर रहे है तो दोनों वेला अर्थात समय में देवी माँ के मंत्र जाप,चालीसा या सप्तशती का पाठ जरूर करे.
  4. मां की आराधना में उनका पसंदीदा लाल फूल जरूर चढ़ाये लेकिन ध्यान रखे की मां को आक, मदार, दूब और तुलसी न चढ़ाएं.
  5. पूरे नौ दिनों तक सात्विक आहार ही ग्रहण करे.
  6. गुप्त नवरात्रो में माँ को सुबह शाम लॉन्ग का भोग जरूर लगाए
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