मार्गशीर्ष अमावस्या 2022 पूजा का शुभ मुहूर्त Amavasya November 2022 Muhurat 

मार्गशीर्ष अमावस्या उपाय Amavasya Ke Upay

Amavasya November 2022 Muhurat

Amavasya November 2022 Muhurat हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि मार्गशीर्ष अमावस्या होती है. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और उसके बाद दान करने का विशेष महत्व है. माना जाता है की ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति और पितर  तृप्त होते हैं. इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या 23 नवंबर बुधवार को है. पंचांग के अनुसार इस दिन शुभ योगो का निर्माण होने से यह दिन बेहद खास होगा आज हम आपको मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त, शुभ योग, विधि और इस दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में बताएँगे.

मार्गशीर्ष अमावस्या शुभ मुहूर्त 2022 Margashirsha Amavasya 2022 Date

  1. साल 2022 में मार्गशीर्ष अमावस्या 23 नवम्बर बुधवार को है|
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 23 नवंबर प्रातःकाल 06:53 मिनट पर|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 24 नवंबर प्रातःकाल 04:26 मिनट पर|

मार्गशीर्ष अमावस्या शुभ समय व शुभ योग Margashirsha Amavasya shubh yog 2022

पंचांग की माने तो इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या को प्रात:काल से ही शोभन योग लग रहा है, जो दोपहर 03:40 मिनट तक है. वहीं मार्गशीर्ष अमावस्या को प्रात: 06:40 मिनट से सुबह 08:01 मिनट तक सबसे शुभ व उत्तम मुहूर्त है. जिस कारण मार्गशीर्ष अमावस्या का स्नान-दान प्रात:काल से लेकर सुबह 08:01 बजे के मध्य तक कर लेना शुभ रहेगा. इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बना हुआ है. जिससे इस दिन का महत्व और अधिक होगा|

मार्गशीर्ष अमावस्या विधि Margashirsha Amavasya Pooja Vidhi

अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान करना बेहद शुभ फलदायी माना गया है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करना चाहिए और अपने पितरों के निमित्त तर्पण व दान करना चाहिए। संभव हो तो इस व्रत रखें और क्षमता अनुसार, जरूरतमंदों में अन्न, वस्त्र आदि का दान करें। संध्या के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इससे पितृ प्रसन्न होते है और आपकी हर इच्छा को पूरा करते है.

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मार्गशीर्ष अमावस्या उपाय Margashirsha Amavasya upay

  1. इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद पितरों को जल से तर्पण करना चाहिए. इससे पितर प्रसन्न और तृप्त होते हैं.
  2. जिनपर पितृ दोष होता है, उन्हें मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों के लिए पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण आदि कार्य करना चाहिए.
  3. इस दिन पूजा के समय गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना सबसे उत्तम माना गया है.
  4. अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ में जल देकर दीपक जलाना चाहिए.
  5. अमावस्या के दिन भगवान शिव का कच्चे दूध और दही से अभिषेक करना शुभ होता है.
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