सावन शिवरात्रि व्रत शुभ मुहूर्त Masik Shivratri Shubh Muhurat 2023
अधिकमास मासिक शिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त Adhikmas Shivratri Dates 2023
- सावन अधिकमास में शिवरात्रि का व्रत 14 अगस्त 2023 को रखा जाएगा|
- इस दिन सावन सोमवार का संयोग भी बन रहा है|
- ऐसे में शिव पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा|
- सावन अधिकमास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी प्रारम्भ होगी – 14 अगस्त सोमवार प्रातः 10:25 मिनट|
- सावन अधिकमास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी समाप्त होगी – 15 अगस्त मंगलवार दोपहर 12:42 मिनट|
- निशिता काल पूजा मुहूर्त होगा- रात्रि 12:04 मिनट से रात्रि 12:48 मिनट तक|
- व्रत का पारण 15 अगस्त को चतुर्दशी तिथि अस्त होने के पहले किया जायेगा|
सावन अधिकमास शिवरात्रि पूजा विधि Masik Shivratri Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार अधिकमास की शिवरात्रि 3 साल में एक बार आती है इस दिन स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प करे और शिवलिंग का घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही से रुद्राभिषेक करें. इसके बाद शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाकर पूरे शिव परिवार की विधिवत पूजा करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा चढ़ाएं और भोग अर्पित करे. पूजा में शिव मंत्रो का जाप व आरती करे साथ ही शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करे. मान्यता है की सावन शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक से भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न होते है.
सावन अधिकमास शिवरात्रि नियम Masik Shivratri niyam
- सावन शिवरात्रि नियमानुसार इस दिन व्रती को फलाहार करना चाहिए.
- शिवरात्रि व्रत की पूजा निशितकाल में करने की मान्यता है.
- व्रत का पारण शिवरात्रि व्रत के अगले दिन करना चाहिए.
- अधिकमास की शिवरात्रि 3 साल में एक बार आती है ऐसे में इस दिन तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए.
- भगवान शिव की पूजा में टूटे हुए चावलऔर तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
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सावन अधिकमास शिवरात्रि उपाय Sawan Adhikmas Shivratri Upay
- अधिकमास की मासिक शिवरात्रि बहुत ही दुर्लभ मानी जाती है इस खास दिन पर रात्रि में 12 बजे के बाद एक धतूरा शिवलिंग पर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र 108 बार जाप करते हुए चढ़ाये और अगले दिन इसे अपने तिजोरी या धन के स्थान पर रख दें. यह उपाय धनदायक माना जाता है.
- सावन शिवरात्रि के दिन शिवजी को प्रसन्न करने के लिए 108 बेलपत्र पर नमः शिवाय लिखकर चढाने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं.
- इस दिन भगवान शिव को दूध मिले जल में काले तिल व जौ डालकर अर्पित करने से सफलता की प्राप्ति होती है.