उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि Ekadashi Puja Vidhi
Utpanna Ekadashi Kab Hai 2025 पंचांग के अनुसार प्रत्येक साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी व्रत रखा जाता है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष में पड़ने के कारण शुभ मानी जाती है. मान्यता है की उत्पन्ना एकादशी व्रत के प्रभाव से 88 हजार ब्राह्राणों को भोजन कराने का पुण्य और 7 पीढ़ियों तक के पितरो को तृप्ति प्राप्त होती है. आइये जानते है साल 2025 उत्पन्ना एकादशी व्रत तिथि, पूजा व पारण मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन क्या करे क्या ना करे|
उत्पन्ना एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त 2025 Utpanna Ekadashi Date time 2025
- साल 2025 में उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर को रखा जायेगा|
- एकादशी तिथि शुरुआत – 15 नवंबर प्रातःकाल 12:49 मिनट|
- एकादशी तिथि समापन – 16 नवंबर प्रातःकाल 02:37 मिनट|
- पूजा का अभिजित मुहूर्त – प्रातःकाल 11:44 मिनट से दोपहर 12:27 मिनट|
एकादशी पारण कब करे Utpanna Ekadashi Paran 2025
- शास्त्रों के अनुसार एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन सुबह जल्दी स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद किया जाता है।
- साल 2025 में उत्पन्न एकदाशी व्रत का पारण 16 नवंबर दोपहर 01:10 मिनट से सायंकाल 03:18 मिनट तक किया जायेगा|
- हरि वासर समाप्ति प्रातःकाल 09:09 मिनट पर होगी|
उत्पन्ना एकादशी पूजा विधि Utpanna Ekadashi Puja Vidhi
शास्त्रों के अनुसार एकादशी की सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल अर्पित कर व्रत का संकल्प ले. पूजास्थल पर भगवान् विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर प्रतिमा के सामने धूप-दीप जलाये. अब फल-फूल, तिल, दूध, पंचामृत व तुलसी दल अर्पित करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. इसके बाद व्रत कथा पढ़कर आरती करे. अगले दिन द्वादशी की सुबह व्रत का पारण कर ब्राह्मण को दान-दक्षिणा देकर विदा करे.







