नवरात्री के पहले दिन माँ शैलपुत्री का व्रत और पूजा Goddess of Maa Shelputri
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राजा दक्ष के द्वारा कराये गए यज्ञ में माँ पार्वती शिवजी का अपमान सहन नहीं कर पाती है और माता पार्वती सती योगिनी में भस्म हो गई थी. इस कहा जाता है कि भस्म होने के बाद माँ ने हिमालय पर जन्म लिया था. हिमालय में जन्म लेने के बाद ही इनका नाम शैलपुत्री पड़ा.
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किस रूप में होती है माँ शैलपुत्री Form of Maa Shelputri
माँ शैलपुत्री की सवारी वृषभ यानी सुन्दर बैल हैं और इनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का फूल सुशोभित है.
माँ शैलपुत्री की पूजन विधि Poojan Vidhi of Maa Shelputri
नवरात्री के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है माँ की पूजा इस तरह से करे.
- सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग का आसन बिछा ले और उसपर माँ शैलपुत्री की मूर्ति को स्थापित करे.
- अब गंगाजल या गोमूत्र को पूजाघर के आस-पास छिड़कर वहां की शुद्धि कर ले.
- अब एक चाँदी, तांबे या मिटटी के कलश में मोली बांधकर चौकी के सामने उसमें जल भर भर कर रख दे और कलश में फूल इत्र और सीक्के दाल दे.
- अब कलश के मुह पर आम के पत्ते या अशोक के पत्ते अच्छी तरह से रख दे.
- कलश के ऊपर एक कटोरी में चावल भरकर रख दे और उस कटोरी के ऊपर पर लाल रंग की चुन्नी में लिपटा हुआ एक नारियल रख दें.
- अब हाथ जोड़कर प्रार्थना करे और श्री गणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवि) का आहवान करें.
- और आखिर में धूप व दीप से माँ शैलपुत्री और कलश की पूजा करें. और इस मंत्र का जाप करे
- मन्त्र – ॐ शैल पुत्रैय नमः
- मन्त्र का जाप करने के बाद गणेश भगवान जी,दुर्गा माता तथा शैलपुत्री माँ की कोई आरती करे अब भोग लगाकर घर में सभी को प्रसाद बाँट दे.
माँ शैलपुत्री को लगाया जाने वाला भोग Maa ko lagaya jaane wala bhog
प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा और व्रत के बाद माता को घी का भोग लगाया जाता है माँ के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करने से माँ प्रसन्न होकर आरोग्य का वरदान देती है.
माँ शैलपुत्री के पूजन का महत्व और फायदे Benefits of Maa Shelputri fast
प्रथम नवरात्री के दिन माँ “शैलपुत्री” के भगवती रूप दुर्गा दुर्गतिनाशिनी की पूजा फूल, अक्षत, रोली, चंदन से की जाती है इस दिन कलश स्थापित करने के बाद देवी दु्र्गा जिन्होंने दुर्गम नामक प्रलयंकारी असुर का संहार किया था और अपने भक्तों को उसके दुःख से मुक्त कराया उस देवी का आह्वान किया जाता है. शैलपुत्री माता को करुणा और शक्ति का भण्डार मानी जाती है जो भी नवरात्री के पहले दिन माँ की पूजा करते है उन्हें माँ की करुणा के साथ शक्ति भी प्राप्त होती है माँ शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने से जीवन स्थिर होता है.
प्रश्न.1 नवरात्री के पहले दिन माँ के कौन से रूप की पूजा की जाती है ?
उत्तर. नवरात्री के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है.
प्रश्न.2 माता शैलपुत्री को किसका भोग लगाया जाता है?
उत्तर. माता शैलपुत्री को घी का भोग लगाया जाता है.
प्रश्न.3 माँ शैलपुत्री के व्रत और पूजन का महत्व क्या है?
उत्तर. माँ शैलपुत्री के व्रत और पूजन से आरोग्यता का वरदान मिलता है.
प्रश्न.4 माँ शैलपुत्री की पूजा के समय किस मंत्र का जाप करे?
उत्तर. माँ शैलपुत्री की पूजा के समय ॐ शैल पुत्रैय नमः मन्त्र का जाप करना चाहिए.