वट पूर्णिमा व्रत शुभ संयोग 2023 Vat Savitri Vrat 2023 Shubh Yog  

वट सावित्री व्रत पूजा विधि Vat Savitri Vrat Puja Vidhi

Vat Savitri Vrat 2023 Shubh Yog  Vat Savitri Vrat 2023 Shubh Yog   सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि को विशेष माना गया है, सालभर में आने वाली सभी पूर्णिमाओं में कुछ पूर्णिमा तिथियां बेहद खास मानी जाती है जिनमे से एक है ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा| पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट सावित्री पूर्णिमा व्रत भी रखा जाता है. यह व्रत सुहागिन महिलायें अखंड सौभाग्य की कामना से रखती है. इस दिन बरगद या वट वृक्ष की पूजा की जाती है। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर कई शुभ योग के साथ ही शनिदेव की भी विशेष कृपा रहेगी. आइये जानते है साल 2023 में वट पूर्णिमा व्रत तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, शुभ योग, पूजा विधि और इस दिन कौन से उपाय करना शुभ होगा.

ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 2023 Jyesth Purnima 2023 Shubh Muhurat

  1. साल 2023 में वट पूर्णिमा व्रत 3 जून शनिवार को रखा जाएगा|
  2. पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ होगी – 3 जून प्रातःकाल 11:16 मिनट पर|
  3. पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी- 4 जून प्रातःकाल 09:11 मिनट पर|
  4. पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 07:16 मिनट से सुबह 08:59 मिनट तक|
  5. लक्ष्मी पूजा निशिता काल – 3 जून रात्रि 11.59 मिनट से 4 जून प्रात: 12.40 मिनट|
  6. स्नान- दान का मुहूर्त – 4 जून सुबह 04.02 मिनट से सुबह 04.43 मिनट|
  7. चंद्रोदय समय – 3 जून शाम 06:39 मिनट|

वट पूर्णिमा शुभ योग 2023 Vat Purnima Shubh Yog 2023

ज्योतिष अनुसार साल 2023 में ज्येष्ठ मास की वट पूर्णिमा शनिवार के दिन पड़ रही है इस दिन शनिवार होने से शनिदेव की भी कृपा रहेगी. इसके अलावा ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा के दिन अनुराधा नक्षत्र रहेगा, सिद्ध योग, रवि योग और शिव योग भी बन रहा है. जिससे इस दिन का महत्व कहीं अधिक बढ़ जायेगा. मान्यता है की इन शुभ योगो में किये गए पूजा पाठ सफल होते है और मनोकामना पूरी होती है.

वट पूर्णिमा पूजा विधि Vat Savitri Vrat Puja Vidhi

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प ले. सबसे पहले घर के पूजास्थल पर धूप-दीप जलाकर भगवन सत्यनारायण जी और माँ लक्ष्मी का पूजन करे. इसके बाद वट वृक्ष की पूजा करे. सबसे पहले वट वृक्ष पर जल चढ़ा कर कुमकुम, अक्षत, रोली चढ़ाये वट वृक्ष की पूजा के दौरान पूरियां और बरगद फल को भी वट वृक्ष को अर्पित करें। इसके बाद सूत के धागे से वट वृक्ष के 3, 5, 7, 12, 51, या 108 फेरी लगाते हुए धागे को वृक्ष पर बांध ले. अब व्रत कथा पढ़कर आरती करे. रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य दे क्योकि शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा को अर्घ्य देना शुभ मना जाता है.

वट पूर्णिमा उपाय Vat Purnima Upay

  1. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पूर्णिमा व्रत के साथ-साथ अखंड सौभाग्य की कामना से रखा जाने वाला वट सावित्री व्रत भी किया जाता है. ऐसे में इस दिन व्रत रखकर भगवान सत्यनारायण जी की कथा और वट सावित्री व्रत की कथा सुनना बहुत ही शुभ होता है. इससे जीवन में सुख, सौभाग्‍य, धन-वैभव और ऐश्‍वर्य मिलता है. पूर्णिमा की रात चंद्र देव की आराधना कर उन्हें अर्घ्‍य देने से मनोकामना पूरी होती है.
  2. इस दिन पीपल वृक्ष की परिक्रमा कर मीठा दूध वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं और ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का जाप करे.
  3. वट पूर्णिमा व्रत के दिन अखंड सौभाग्य के लिए वट वृक्ष का पूजन कर वृक्ष पर कच्चा सूत बांधना शुभ होता है.
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