वट सावित्री व्रत 2022 Vat Savitri Vrat 2022 Date Time Muhurat

वट सावित्री व्रत पूजा विधि Vat Savitri Vrat Puja Vidhi

Vat Savitri Vrat 2022Vat Savitri Vrat 2022- वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है यह व्रत सुहागन महिलाओ के लिए बहुत ही खास होता है सुहागन महिलाये इस व्रत को सौभाग्य की कामना से रखती है. इस दिन वट वृक्ष और सावित्री सत्यवान का पूजन किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों देवताओं का वास माना गया है इसीलिए इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने का विशेष महत्व है. आज हम आपको साल 2022 में वट सावित्री व्रत कब है, पूजा का मुहूर्त, पूजा की विधि और इसके महत्व के बारे में बताएँगे.

वट सावित्री व्रत तिथि शुभ मुहूर्त Vat Savitri Vrat Shubh Muhurat 2022

  1. साल 2022 में वट सावित्री का व्रत 30 मई सोमवार के दिन रखा जाएगा|
  2. अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 29 मई दोपहर 02:54 मिनट पर|
  3. अमावस्या तिथि समाप्त होगी- 30 मई शाम 04:59 मिनट पर|

वट सावित्री पूजन सामग्री Vat Savitri Vrat Pujan Samagri

वट सावित्री व्रत की पूजा के लिए पूजन सामग्री के रूप में आपको सावित्री सत्यवान की मुर्तिया, बांस का पंखा, लाल कलावा, धूप, दीप, घी, फल फूल रोली, सुहाग का सामान, पूरियां, बरगद के फल, सिंदूर, जल से भरा कलश और रोली आदि चीजों की आवश्यकता होती है.

वट सावित्री पूजा विधि Vat Savitri Vrat Puja Vidhi

इस व्रत में वटवृक्ष की पूजा की जाती है. इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर एक बांस की टोकरी में सात तरह के अनाज रख ले अब एक दूसरी बांस की टोकरी में देवी सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा रखे. इसके बाद वट वृक्ष पर जल चढ़ा कर कुमकुम, अक्षत चढ़ाये वट वृक्ष की पूजा के दौरान पूरियां और बरगद फल वट वृक्ष को अर्पित करें। अब सूत के धागे को वट वृक्ष के पांच, सात या बारह चक्कर लगाते हुए लपेटकर बांध ले. हर परिक्रमा पर एक चना वृक्ष में चढ़ाती जाती हैं। इसके बाद घर आकर शाम के समय व्रत कथा पढ़े अथवा सुने.

वट सावित्री व्रत का महत्व Importance of Vat Savitri Vrat

पुराणों के अनुसार, वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों देवताओं का वास माना गया है। वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री ने अपने पति सत्यवान को जीवित किया था इसीलिए मान्यता है की वट सावित्री वृत्त के दिन इसके नीचे बैठकर पूजन और व्रत कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने से घर में सुख-शांति, धनलक्ष्मी का वास होता है। इस व्रत के शुभ प्रभाव से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है .

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