वट सावित्री व्रत 2019 शुभ मुहूर्त Vat savitri vrat shubh muhurt date time 2019
ज्येष्ठा अमावस्या के दिन रखा जाने वाला ख़ास व्रत जिसे वट सावित्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत विशेषकर उत्तर भारत में बेहद लोकप्रिय है विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र और सुखी वैवाहिक की कामना के लिए रखा जाने वाला व्रत साल 2019 में बहुत ही ख़ास माना जा रहा है शास्त्रों की माने तो इस दिन एकसाथ कई संयोग पड़ रहे है जिस कारण इस व्रत का प्रभाव और फल बहुत अधिक रहेगा. आज हम आपको वट सावित्री व्रत और इस दिन पढ़ने जा रहे शुभ संयोगो में किये जाने वाले के शुभ कार्यो के बारे में बताएँगे.
वट सावित्री व्रत और शुभ संयोग vat amavasya shubh sanyog 2019
पंचांग की माने तो साल 2019 में जयेष्ठ अमावस्या 3 जून का दिन पंचांग की दृस्टि से अतिमहत्वपूर्ण हैं। इस दिन एक साथ कई संयोग पड़ रहे हैं। वट सावित्री व्रत के साथ ही इस दिन सोमवती अमावस्या और शनि जयंती भी एक साथ मनाई जाएगी। इसके अलावा इस दिन चंद्र अधि, सर्वार्थ सिद्धि व त्रिग्रही योग का संयोग भी बनेगा. जहाँ एक तरफ तो इस ख़ास दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सूर्योदय से लेकर रात्रि यानी की पूरे दिन रहेगा तो वही मिथुन राशि मे मंगल, बुद्ध और राहु के कारण इनका त्रिग्रही योग बनेगा। ऐसा माना जा रहा है की यदि इन योगों में पूरे विधि विधान के साथ पूजन और दान-पुण्य किया जाय तो इसके फलस्वरूप शनि की कृपा, संतान सुख में वृद्धि और सौभाग्य का वरदान प्राप्त किया जा सकता है.
वट सावित्री व्रत 2019 शुभ मुहूर्त Vat Savitri Vrat Shubh muhurt 2019
- साल 2019 में वट सावित्री व्रत 3 जून सोमवार के दिन मनाया जाएगा.
- अमावस्या तिथि शुरू होगी = 2 जून रविवार 16:39 मिनट पर
- वही अमावस्या तिथि समाप्त होगी = 3 जून सोमवार 15:31 मिनट पर
वट सावित्री व्रत पूजा विधि Vat Savitri Vrat Puja Vidhi
त्रयोदशी तिथि के दिन प्रातःकाल उठकर महिलाये स्नानादि से निवृत होकर सोलह श्रृंगार के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा की थाल तैयार करनी चाहिए और मंदिर में कलश स्थापना कर पूजा करे. जिसमें गुड़, भीगे हुए चने, मिठाई, कुमकुम, रोली, मोली, अक्षत, फल, फूल, हल्दी आदि पूजा से सम्बंधित सामग्री होनी चाहिए. इसके बाद सभी महिलाये वट वृक्ष को जल का अर्घ्य देकर प्रसाद चढाकर धुप, दीप जलाती है. इसके बाद मोली या फिर कच्चे धागे को हल्दी में रंगकर 3, 5 या 7 बार वट वृक्ष की परिक्रमा कर लपेटना चाहिए और पति की लम्बी उम्र की कामना करनी चाहिए. घर आकर शाम के समय व्रत की कथा पढ़नी चाहिए और अंत में कथा के बाद चंद्रमा को जल से अर्ध्य देकर माता सावित्री से प्रार्थना कर अपने पति का आशीर्वाद लेकर व्रत खोलना चाहिए.
सुबह संयोगो में जरूर करे ये काम vat savirti vrat upay
चलिए जानते है इस बार वट सावित्री पर एकसाथ बन रहे इन सभी शुभ योगो में वो ऐसे कौन से काम है जिन्हें करने से व्यक्ति को सौभाग्य प्राप्ति के साथ संतान सुख और सुख समृद्धि का वरदान प्रात हो सकता है.
तुलसी की परिक्रमा vat amavasya puja vidhi
मान्यता है की यदि इस दिन वट सावित्री व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाये वट वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु जी का पूजन सच्ची श्रद्धा से करे तो उन्हें संतान सुख और सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है अब क्योकि इस दिन सोमवती अमावस्या भी है तो इस वजह से यदि इस ख़ास दिन तुलसी जी की 108 परिक्रमा की जाय तो इससे व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता दूर होकर सुख समृद्धि में वृद्धि होने का सौभाग्य प्राप्त होता है .
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शनि पूजा vat savitri vrat puja vidhi
साल 2019 में वट सावित्री अमावस्या के दिन शनि जयंती का महासंयोग बन रहा है जिसके चलते इस दिन शनि पूजा बेहद लाभकारी होगी. शनिदेव की कृपा पाने के लिए यदि इस दिन उन्हें सरसों के तेल से अभिषेक कर शनि मंत्रो का जप किया जाय और किसी जरूरत मंद को भोजन कराया जाय तो इससे शनि देव की कृपा दृस्टि आप पर पड़ सकती है इसके अलावा इस दिन व्रत रखकर पीपल के पेड़ की 108 बार परिक्रमा करते हुए भगवान विष्णु जी की पूजा करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है.
दान जरूर करे vat savitri vrat shubh sanyog pujan vidhi
शनि जयंती के दिन शनि देव को प्रसन्ना करने के लिए इस दिन काला उड़द, काला तिल, श्रीफल, काले वस्त्र, आदि का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है शास्त्रों में किसी ख़ास दिन दान और पुण्य का बहुत अधिक महत्व होता है इसीलिए वट सावित्री व्रत के दिन इन शुभ योगो में अगर किसी जरूरतमंद को अपनी श्रद्धा अनुसार कुछ दान किया जा य तो यह बहुत ही शुभ हो सकता है.