वट पूर्णिमा व्रत पूजा विधि vat purnima vrat pujan vidhi
Vat Purnima Vrat- शास्त्रों के अनुसार यूँ तो हर महीने आने वाली पूर्णिमा का एक ख़ास महत्व होता है लेकिन ज्येष्ठ माह में की पूर्णिमा बेहद ख़ास और महत्वपूर्ण होती है क्योकि इस दिन वट पूर्णिमा व्रत रखा जाता है. पूर्णिमा के दिन पूजा और स्नान दान का भी विशेष महत्व होता है. साल 2019 में ज्येष्ठ पूर्णिमा का पर्व 16 जून रविवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन सभी सुहागन महिलाये सौभाग्य की कामना, पति की लम्बी उम्र और संतान सुख के लिए इस व्रत को करती है. आज हम आपको वट पूर्णिमा व्रत शुभ मुहूर्त पूजन विधि और इसकी महत्व के बारे में बताएँगे.
वट पूर्णिमा व्रत शुभ मुहूर्त vat purnima vrat shubh muhurt
- साल 2019 में वट पूर्णिमा व्रत 16 जून रविवार के दिन रखा जाएगा.
- पूर्णिमा तिथि शुरू होगी 16 जून 2019 रविवार 2 बजकर 1 मिनट पर|
- पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी 17 जून 2019 सोमवार 2 बजे|
- पूजा का शुभ समय16 जून रविवार संध्या काल से लेकर रात 8 बजकर 25 मिनट तक का होगा|
- वहीं 17 जून को भी व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा की जा सकेगी क्योकि 17 जून दोपहर तक पूर्णिमा की तिथि रहेगी.
वट पूर्णिमा व्रत पूजा विधि Vat Purnima Vrat Puja Vidhi
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को वट पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है इस दिन वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. वट पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि भी ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाले वट सावित्री व्रत की तरह ही की जाती है. इस दिन प्रातः काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर पूजा शुरू करनी चाहिए. इस व्रत की पूजा वट वृक्ष के नीचे की जाती है पूजा के लिये दो बांस की टोकरियां लेकर एक में सात प्रकार के अनाज रखकर उसे कपड़े से ढक कर रखा जाता है वहीं दूसरी टोकरी में मां सावित्री की प्रतिमा रखी जाती है इसके बाद धूप, दीप, अक्षत, कुमकुम, मौली आदि पूजा सामग्री का इस्तेमाल कर पूजा करे और वट वृक्ष के सात चक्कर लगाते हुए मौली बाँधी जाती है घर आकर सावित्री और सत्यवान की कथा पढ़कर श्रद्धानुसार दान-दक्षिणा दे. इस दिन प्रसाद के रूप में चना व गुड़ बांटा जाता है.
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वट पूर्णिमा व्रत महत्व vat purnima vrat importance
शास्त्रों में ज्येष्ठ माह वट पूर्णिमा व्रत का काफी महत्व बताया गया है इस पूर्णिमा पर स्नान-दान और पूजा का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है की इसी दिन से भगवान भोले के भक्त भोलेनाथ के नाथ अमरनाथ की यात्रा के लिये गंगाजल लेकर आने की शुरुआत भी करते है इसके अलावा वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनो का निवास माना गया है कहा जाता है की इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने से तीनों देवताओं को एकसाथ प्रसन्न कर सभी मनोकामनाएं पूरी की जा सकती है.