वैशाख अमावस्या नियम Vaishakh Amavasya Niaym 2025
Vaishakh Amavasya 2025 Date शास्त्रों में वैशाख अमावस्या बेहद खास मानी जाती है. अमावस्या तिथि पितरो को समर्पित है. इस दिन किये गए पितृ कार्यों से पितरो को शांति मिलती है. इस साल वैशाख अमावस्या पर विशेष बात यह है कि अमावस्या से ठीक एक दिन पहले, 26 अप्रैल को शुक्र ग्रह उत्तर भाद्रपद में प्रवेश करेंगे. जिससे इसका महत्व अधिक होगा. शुक्र को सुख-संपत्ति, कला, सौंदर्य और प्रेम का कारक माना जाता है। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान दान करना शुभ होता है. आइये जानते है साल 2025 में वैशाख अमावस्या कब है, पूजा, स्नान-दान का समय, पूजा विधि, और अमावस्या के नियम क्या है|
वैशाख अमावस्या शुभ मुहूर्त 2025 Vaishakh Amavasya 2025 Date
- साल 2025 में वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल रविवार को है|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 27 अप्रैल प्रात:काल 04:49 मिनट|
- अमावस्या तिथि समाप्त – 28 अप्रैल प्रातःकाल 01:00 मिनट|
- स्नान दान मुहूर्त – प्रातःकाल 4:17 मिनट से प्रातःकाल 5:00 बजे|
- अभिजीत मुहूर्त- प्रातःकाल 11:53 मिनट से दोपहर 12:45 मिनट|
वैशाख अमावस्या पूजा विधि Amavasya Puja Vidhi
अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा जी या फिर घर पर गंगाजल मिले जल से स्नान कर सूर्यदेव को अर्घ दे. पूजा में भगवान विष्णु को पीले फल-फूल, चंदन, धूप-दीप व तुलसी पत्र डालकर नैवेद्य अर्पित करे और घी का दीपक जलाये. अब विष्णु चालीस या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इस दिन पितरो का तर्पण करने, पूजा के बाद जरूरतमंद या ब्राह्मण को दान दक्षिणा देने से पितृ प्रसन्न होते है.
वैशाख अमावस्या नियम Vaishakh Amavasya Niaym
- शास्त्रों के अनुसार वैशाख अमावस्या के दिन तुलसी माता की पूजा की जाती है लेकिन तुलसी में जल देना वर्जित होता है.
- इस सुबह किसी पवित्र नदी, सरोवर या घर में गंगाजल मिले जल से स्नान कर पितरों का तर्पण करें.
- वैशाख अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को क्षमतानुसार दान करना चाहिए।
- अमावस्या के दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए|
- इस दिन तुलसी और बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए|
- अमावस्या के दिन बाल या नाखून नहीं काटने चाहिए.