वैसाख अमावस्या पर सूर्यग्रहण उपाय Vaisakh Amavasya Upay 2022
Vaisakh Amavasya Suryagrahan 2022 अमावस्या कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है शास्त्रों में वैसाख माह की अमावस्या का विशेष महत्व है. यह तिथि धर्म-कर्म, स्नान-दान और तर्पण जैसे कार्यो के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। साल 2022 में वैसाख अमावस्या 30 अप्रैल शनिवार को है शनिवार के दिन पड़ने के कारण यह शनि अमावस्या होगी इस साल वैसाख अमावस्या पर सूर्यग्रहण भी रहेगा ज्योतिष की दृष्टि से सूर्यग्रहण और शनि अमावस्या का एक ही दिन पड़ना अद्भुत संयोग माना जाता है, ऐसे में ग्रहण और शनि अमावस्या के दौरान किये उपाय विशेष फल देते है. आज हम आपको वैसाख अमावस्या तिथि, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि सूर्यग्रहण का समय और इस दिन धन समृद्धि के लिए किये जानें वाले एक प्रभावशाली उपाय के बारे में बताएँगे.
वैशाख अमावस्या शुभ मुहूर्त 2022 Vaisakh Amavasya 2022 Date
- साल 2022 में वैशाख अमावस्या 30 अप्रैल, शनिवार के दिन है|
- अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी 30 अप्रैल प्रातःकाल 12:57 मिनट पर |
- अमावस्या तिथि समाप्त होगी 1 मई प्रातःकाल 01:57 मिनट पर |
सूर्यग्रहण का समय Solar Eclipse 2022
- साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल शनिवार के दिन बैसाख शनि अमावस्या को लगेगा।
- सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार मध्यरात्रि 12:15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 04:07 मिनट तक रहेगा.
- सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के ठीक 12 घंटे पहले लगता है भारत में ग्रहण नहीं दिखाई देने के कारण इसका सूतक मान्य नहीं होगा.
अमावस्या पूजा विधि Vaisakh Amavasya Pooja Vidhi
Vaisakh Amavasya Suryagrahan 2022 अमावस्या तिथि के दिन पितरों के श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है। ज्योतिष की माने तो इस बार वैसाख अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्यग्रहण लगेगा. हालाँकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। अमावस्या के दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे और सूर्यदेव को जल का अर्घ्य देकर पितरों के नाम से धूप- दीप व दान आदि करें इस दिन किसी जरूरतमंद को धन या अनाज का दान करना शुभ माना जाता है. शनि अमावस्या पर शनि मंत्र का जाप कर शनि चालीसा का पाठ करने से शनि दोष दूर होते है.
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अमावस्या व सूर्यग्रहण उपाय Amavasya and Suryagrahan 2022
- शास्त्रों की माने तो शनि अमावस्या और ग्रहण के दौरान धनलाभ के लिए अनाज, शत्रुओं पर विजय के लिए काले तिल, सफलता के लिए छाता, पितृ दोष के लिए उड़द की दाल और शनि के प्रभाव को कम करने के लिए सरसों का तेल दान करना चाहिए।
- मान्यता है की अमावस्या के दिन पितृ दोषो से छुटकारा पाने के लिए शिव सहस्त्रनाम और रुद्राभिषेक करना शुभ होता है.
- वैसाख मास की शनि अमावस्या और सूर्यग्रहण के दिन शमी के वृक्ष की पूजा करना शुभ होता है. सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद शमी के पेड़ के नीचे सरसों काके तेल का दीया जलाएं।
- शनि अमावस्या और सूर्यग्रहण के इस योग में प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करे और शनि मंदिर जाकर पूजा-पाठ करें, शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं और नीले पुष्प अर्पित करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।