सीता नवमी 2020 पति की लंबी उम्र के लिए करे ये महाउपाय Sita Navami 2020 Date

सीता नवमी कब है 2020 Sita Navami Pooja Vidhi

सीता नवमीसीता नवमी शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को मध्याह्न काल में पुष्य नक्षत्र में माता सीता प्रकट हुई थी.  जिस कारण यह तिथि सीता नवमी कहलाती है. जिस प्रकार श्री राम नवमी का विशेष महत्व है, उसी प्रकार सीता नवमी का भी है. सीता नवमी के दिन माता सीता की पूजा सुख सौभाग्य में वृद्धि व दुखों से छुटकारा मिलता है। आज इस वीडियो में हम आपको साल 2020 सीता नवमी पर्व की शुभ तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और सुहाग की लम्बी आयु के लिए किया जाने वाला एक प्रभावशाली महाउपाय बताएँगे.

सीता नवमी 2020 शुभ मुहूर्त Sita Navami Date Time Shubh Muhurat 2020

  1. साल 2020 में सीता नवमी का व्रत और पर्व 2 मई शनिवार के दिन मनाया जाएगा.
  2. नवमी तिथि प्रारम्भ होगी – 01 मई सायंकाल 01:26 मिनट पर|
  3. नवमी तिथि समाप्त होगी – 02 मई 11:35 मिनट पर|

सीता नवमी पर पूजा की विधि Sita Navami Puja Vidhi

सीता नवमी के दिन जो व्रत रखकर श्रीराम और सीता की पूजा करते हैं। इनके पूजन से उन्हें पृथ्वी दान करने के बराबर फल मिलता है। सीता नवमी की पूजा के लिए अष्टमी तिथि के दिन घर में साफ-सफाई कर लें नवमी के दिन प्रातःकाल उठकर व्रत का संकल्प करे और चौकी पर सीताराम की प्रतिमा स्थापित कर ले. अब श्रीराम जानकी की एक साथ पूजा करें।  पूजा के दौरान देवी सीता को पीले रंग के फूल कपडे और सुहाग का सामान अर्पित करे. इसके बाद उन्हें भोग लगाते हुए आरती कर ले. अंत में भगवान राम और माता सीता से अपने परिवार व सुहाग की लम्बी आयु व सुख समृद्धि की कामना करे.

सीता नवमी का महत्व Sita Navami Importance

पौराणिक कथा के अनुसार वैसे तो सीता जी का जन्मदिम वैशाख शुक्ल नवमी को मनाया जाता है लेकिन भारत के कुछ हिस्सों में फाल्गुन कृष्ण अष्टमी को भी सीता जयंती के रूप में जाना जाता है। इसीलिए ये दोनों ही तिथियां सीता जी के प्रकाट्य के लिए उचित मानी जाती हैं। इस दिन माता सीता की विधिपूर्वक की गई पूजा बहुत ही लाभकारी होती है.

 सीता नवमी उपाय Sita Navami Mahaupay

सीता नवमी के दिन सभी सुहागन महिलाये अपने घर की सुख शांति और अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। शास्त्रों में सीता नवमी के दिन कुछ ऐसे उपाय बताये गए है जिन्हे यदि सच्ची श्रद्धा के साथ किया जाय तो न सिर्फ अखंड सौभाग्य प्राप्त होता हैं और विवाह में आ रही परेशानियों का भी अंत होता है

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  1. सीता नवमी के लिए बनायीं जाने वाली प्रतिमा मिट्टी से बनाय इससे पूजा का दोगुना फल मिलता है.
  2. अखंड सौभाग्य के लिए इस दिन देवी सीता को पीले फूल और लाल चुनरी और शृंगार का सामान अर्पित करें।
  3. विवाह में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए जानकी जयंती की शाम रुद्राक्ष की माला से श्री जानकी रामाभ्यां नमः मंत्र का 108 बार जप करना बहुत ही लाभकारी होता है.
  4. देवी सीता को प्रसन्न करने और सुख समृद्धि पाने के लिए जानकी जयंती के दिन रामायण का पाठ शुरू कर रोजाना इसका एक अध्याय पढ़ना शुभ होता है.
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